बिरसा मुंडा की जयंती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाएगी बीजेपी, जनजाति नायकों से युवाओं को कराएंगे अवगत

  
Last Updated:  November 9, 2021 " 11:44 pm"

इंदौर : 15 नवम्बर को भोपाल में भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती, जनजाति गौरव दिवस के रूप में जम्बुरी मैदान भोपाल में मनाई जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे। 15 नवम्बर को होने वाले उक्त सम्मेलन के संदर्भ में मंगलवार को भाजपा कार्यालय पर नगर व जिले की संयुक्त बैठक अपेक्षित पदाधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न हुई।
बैठक का शुभारंभ झाबुआ सांसद गुमानसिंह डामोर, बागली विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे, जिला अध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामकरण भाभर, सुभाष चौधरी, कंचनसिंह चौहान और चिन्टू वर्मा ने भारत माता, पं. दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया।

बिरसा मुंडा को प्राप्त है भगवान का दर्जा।

सांसद गुमानसिंह डामोर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश में अनेक स्वतंत्रता सैनानी हुए लेकिन बिरसा मुण्डा देश के एक मात्र स्वतंत्रता सैनानी हैं जिन्हें भगवान का दर्जा प्राप्त हुआ है। हमारे देश के वामपंथी इतिहासकारों ने इतिहास के साथ में बहुत अधिक छेड़छाड की। उन्होंने देश के स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता की उपेक्षा करते हुए मुस्लिम आक्रांताओं, संगठन विशेष के नेताओं और परिवार विशेष की महानताओं से इतिहास को भर दिया, जबकि हमारे देश का गौरवशाली इतिहास रहा है जिसका कहीं उल्लेख नहीं मिलता है। सांसद डामोर ने कहा कि हमारे देश के वीर सैनानियों ने अपनी शहादत देकर देश को एकता और अखण्डता के सूत्र में बांधा था। उन्होंने राष्ट्रवाद के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजों के कुशासन से देश को आजादी दिलाई थी। वामपंथियों ने हमारे देश के सेनानियों के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख ना करके अपनी चाटुकारिता की सीमाएं लांघ दी।
हमारे देश में कई वीर सेनानियों ने जन्म लिया है उन्हीं में से एक भगवान बिरसा मुण्डा ने 15 नवम्बर 1875 में झारखण्ड के खुटीगांव में जन्म लिया था। इन्होंने प्रारंभिक शिक्षा के समय ही ईसाई मिशनियों के स्कूल में धर्मविरोधी गतिविधियों के चलते स्कूल से अपना नाम कटवा लिया और स्कूल छोड़कर चले गए। फिर वैष्णव धर्मगुरू के संपर्क में आकर राष्ट्रवाद की शिक्षा ली और वहीं से प्रण लिया कि फिरंगियों के जुल्म से भारत के लोगों की रक्षा करूंगा और उन्हें अंग्रेजों की प्रताड़ना से आजाद करवाऊंगा। भगवान बिरसा मुण्डा ने हमारी धरती-हमारा राज का नारा दिया, खाटीकुट अर्थात जंगल काटकर खेती करना, यह जनजाति का जीवन यापन का मुख्य आधार था। इसपर अंग्रेजों द्वारा प्रतिबन्ध लगाए जाने पर भगवान बिरसा मुण्डा ने अंग्रेजों के खिलाफ उलगुलान आंदोलन छेड़ा और गोरिल्ला सेना बनाकर कर अंग्रेजों को मुकाबला किया। भगवान बिरसा मुण्डा अंग्रेजों की आंखों की किरकिरी बन गए थे। सन् 1895 में उन्हें लोगों ने देव दूत मानकर भगवान का दर्जा दे दिया था।
आज हमें हमारे वीर सेनानियों की जीवनियां पढ़ना और युवा पीढ़ी को पढ़ाना होगी तभी उन्हें हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी मिलेगी। जनजाति भाईयों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा, जिससे खुद का और देश का विकास संभव हो सके।

बागली विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे ने कहा कि हमें हमारे जनजाति बंधुओं की शिक्षा, दीक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पिछली कांग्रेस की सरकारों ने केवल जनजाति समुदाय का शोषण किया। उनका जीवन स्तर कैसे उपर उठाया जा सके, मुख्यधारा में जनजाति समुदाय कैसे जुड़े इसके लिये पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने कुछ नहीं किया।

जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाएंगे बिरसा मुंडा जयंती।

जिला अध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर ने कहा कि हमें भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाना है। 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुण्डा के बारे में प्रत्येक व्यक्ति को जानकारी दी जाए। भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती का आयोजन सफल हो इसके लिए हमें पूर्व के अभियानों की तरह रणनीति बनाकर उसका क्रियान्वयन करना है।
डॉ. राजेश सोनकर ने सभी मंडल अध्यक्षों से आयोजन में जाने वाले समस्त कार्यकर्ताओं की जानकारी व उनकी व्यवस्था के विषय में विस्तृत जानकारी ली।

नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा जयंती आयोजन 15 नवम्बर भोपाल में जम्बुरी मैदान में होने वाले जनजाति गौरव दिवस में प्रधानमंत्री भी शामिल होने वाले हैं। इंदौर से अपेक्षित कार्यकर्ता उक्त आयोजन मेंं भाग लेने जाएंगे। उनकी कार्ययोजना बनाकर हमें रणनीति के साथ क्रियान्वयन करना है। जिससे आयोजन में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं को कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े।

बैठक में मुख्य रूप से महेन्द्रसिंह ठाकुर, मुकेश चौहान, अंतर दयाल, मुकेश जरिया, रामस्वरूप गेहलोद, सुनील तिवारी, घनश्याम नारोलिया, भारतसिंह आंजना, श्रवणसिंह चावड़ा, ललिता निनामा, जय कोहली, धन्नालाल निनामा, लक्ष्मीनारायण शर्मा, कैलाश चौहान, विरेन्द्र आंजना, सुभाष पाटीदार,युवराज दुबे, पुरूषोत्तम जायसवाल सभी मंडल अध्यक्ष सहित अपेक्षित कार्यकर्ता उपस्थित थे। बैठक का
संचालन अजजा मोर्चा के जिला अध्यक्ष पुंजालाल निनामा ने किया। आभार विनोद पारगी ने माना।

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