इंदौर : समसामयिक अध्ययन केंद्र हिंदी साहित्य समिति द्वारा नई विदेश व्यापार नीति पर विचार मंथन का आयोजन किया गया। समिति के आरएनटी मार्ग स्थित सभागार में रखे गए इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे ख्यात अर्थशास्त्री डॉ. जयंतीलाल भंडारी और उद्योगपति घनश्याम सिंह।
नई विदेश व्यापार नीति से देश के निर्यात में होगी वृद्धि।
डॉ. जयंतीलाल भंडारी ने कहा कि नई विदेश व्यापार नीति में कई बाधाओं को दूर करने के साथ नियमों को सरल किया गया है। इससे देश के निर्यात में तेजी से बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि लघु और मध्यम उद्योगों को नई नीति से विदेशों में माल भेजने में आसानी होगी।
डॉलर की बजाए रूपए में बढ़ रहा कारोबार।
डॉ. भंडारी ने कहा कि डॉलर की बजाए रूपए में कारोबार को लेकर 18 देशों के साथ सहमति बन गई है। तीन देशों रूस, मॉरीशस और श्रीलंका के साथ तो रूपए में कारोबार शुरू भी हो गया है। अरब देश भी हमसे रूपए में कारोबार करने को उत्सुक है। इससे डॉलर के मुकाबले रुपए को मजबूती मिलेगी और निर्यात को नई ऊंचाई हासिल होगी।
2030 तक तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा भारत।
डॉ. भंडारी ने कहा कि नई विदेश व्यापार नीति से भारतीय सामान की विदेशों में मांग बढ़ेगी। निर्यात बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी होगी और 2030 तक भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को पा सकेगा। उन्होंने कहा कि नई विदेश व्यापार नीति में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि निर्यात संबंधी स्वीकृति अब एक दिन में मिल जाएगी। शुल्क भी घटकर 100 से 5 हजार रुपए कर दिया गया है। जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनाए जा रहे हैं। इसी के साथ ई – कॉमर्स जोन भी बनाए जाएंगे। निर्यात बढ़ने से रोजगार के अवसरों में भी भारी वृद्धि होगी।
उद्योगपति और निर्यातक घनश्याम सिंह ने इस मौके पर कहा कि नई विदेश व्यापार नीति से उच्च गुणवत्ता के भारतीय उत्पादों की मांग दुनियाभर में बढ़ेगी। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
वक्ताओं ने इस अवसर पर श्रोताओं की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। सम सामयिक अध्ययन केंद्र की ओर से निदेशक अरविंद जवलेकर ने अतिथि वक्ताओं का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी स्वामी ने किया।आभार हरे राम वाजपेई ने माना।