इंदौर : कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित कई प्रदेश सरकारों ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। पर हैरत की बात है कि मप्र सरकार ने 20 नवंबर से इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, रतलाम एवं विदिशा जिला मुख्यालयों में रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लगाया गया कर्फ्यू खत्म कर दिया है। मुख्य सचिव, गृह डॉ. राजेश राजौरा ने इस सम्बंध में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, रतलाम एवं विदिशा को निर्देश जारी कर दिए हैं। शिवराज सरकार का यह निर्णय लोगों के गले नहीं उतर रहा है। ब्रिटेन में कोरोना का नया प्रकार सामने आने और इसके 70 फीसदी ज्यादा खतरनाक होकर तेजी से फैलने की खबरें आ रहीं हैं। इंदौर में ब्रिटेन से लौटे एक व्यक्ति के संक्रमित पाए जाने पर उसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है। उसका सैम्पल भी पुणे लैब भेजे जाने की जानकारी मिल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित है या नहीं। ऐसे में रात का कर्फ्यू हटाने से नए साल का स्वागत करने होटल, रेस्टोरेंट, पब आदि में उमड़ने वाली भीड़ कोरोना को फिर रफ्तार दे सकती है।
कर्फ्यू हटाने से पार्टीयों में उमड़ेगी भीड़..?
ये सभी जानते हैं कि 31 दिसम्बर को इंदौर सहित तमाम बड़े शहरों में बड़े पैमाने पर पार्टियां आयोजित होती हैं। होटल, पब, बार, गार्डन और रेस्टोरेंट लोगों से भरे रहते हैं। देर रात तक ये पार्टियां गुलजार रहती हैं। नाच- गाने के साथ शौकीन, मदहोश होने तक शराब का सेवन करते हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने और दुर्घटनाओं के मामले भी इस दिन बहुतायत में सामने आते हैं। जगह- जगह लोगों का जमावड़ा कोरोना संक्रमण को खुला न्योता देगा।
आशंका ये भी जताई जा रही है कि सरकार ने शराब लॉबी के दबाव और राजस्व प्राप्ति के लालच में नाइट कर्फ्यू हटाने का फैसला किया है। इसके दूरगामी दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं फिलहाल नियंत्रण में दिख रहा कोरोना संक्रमण फिर पलटवार कर सकता है। सरकार को इन सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।