चौतरफा विरोध और आलोचना के चलते रिमूवल गैंग को दी गई फौजी वर्दीनुमा ड्रेस लौटाने के निर्देश जारी।
पूर्व सैनिकों की भावनाएं आहत होने से वर्दी में किए जाएंगे आवश्यक बदलाव : महापौर
इंदौर : चौतरफा विरोध और आलोचना के बाद नगर निगम की रिमूवल गैंग को सेना जैसी वर्दी पहनाने का निर्णय वापस ले लिया गया है। जिन निगमकर्मियों को ये वर्दी दी गई थी, उन्हें स्टोर में पुनः जमा करने के निर्देश दिए गए है।
वर्दी में किए जाएंगे आवश्यक बदलाव।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा कि नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा एक रूपता, अनुशासन के लिए नगर निगम रिमूवल टीम को विशेष प्रकार की वर्दी पहनाई गई थी। इसे पहनने से यदि पूर्व सैनिकों की भावनाएं आहत होती हैं तो वर्दी में जो भी आवश्यक बदलाव की आवश्यकता होगी वो किए जाएँगे।
सैन्य नियमावली और कानून के विरुद्ध था नगर निगम का निर्णय।
बता दें कि सेना की वर्दी, लोगो, प्रतीक चिन्ह सहित उससे जुड़ी हर चीज का एक प्रोटोकाल होता है। उसकी गरिमा और सम्मान होता है। सेना से मिलती जुलती वर्दी और उससे जुड़े प्रतीकों का इस्तेमाल करना आईपीसी के तहत आपराधिक कृत्य माना जाता है, जिसमें सजा व जुर्माने का भी प्रावधान है। इसके अलावा सैन्य वर्दी और प्रतीकों पर सेना का पेटेंट होता है। उनका अनाधिकृत उपयोग कॉपीराइट एक्ट का भी उल्लंघन माना जाता है।
पूर्व सैनिकों सहित तमाम प्रबुद्धजनों ने की थी आलोचना।
निगम के रिमुवलकर्मियों को सेना सदृश वर्दी पहनाई जाने की शहर के बाशिंदों ने कड़ी आलोचना की थी। पूर्व सैनिकों ने नगर निगम के इस तुगलकी फैसले पर नाराजगी जताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की थी। विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे देश और सेना के सम्मान को गिराने वाला कदम बताकर इसकी कड़ी निन्दा की थी। मामले को तूल पकड़ता देख महापौर व निगमायुक्त ने यू टर्न लेते हुए रिमूवल गैंग को दी गई सेना जैसी वर्दी को वापस लौटाने का फरमान जारी कर दिया।