नई दिल्ली। अधिकारियों के घरों पर जल्द चमचमाती हुई सरकारी गाडि़यों खड़ी नजर नहीं आएंगी। वह किसी निजी कार्य के लिए अपनी सरकारी गाड़ी इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। केंद्र सरकार ने अपने नौकरशाहों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और एजेंसियों में काम करने वाले अधिकारियों के लिए इलेक्ट्रिक कार लीज पर लेने का मसौदा तैयार किया है। इसके तहत अफसरों को पूरे दिन कार मुहैया कराने के बजाय सिर्फ ‘पिक एंड ड्रॉप’ की सुविधा होगी।
मसौदे के मुताबिक, सरकारी अधिकारियों, पीएसयू व एजेंसियों के स्टॉफ को तय जगह से लेकर से तय जगह पर छोड़ने की सुविधा होगी। इसके लिए विभागों को समय-समय पर अधिकारियों का कार्यक्रम देना होगा। एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए अधिकारियों को इलेक्ट्रिक कार इस्तेमाल करनी होगी।
मौजूदा सुविधा
-80 किलोमीटर रोजाना गाड़ी चलने का खर्च सरकार देती है दिल्ली जैसे महानगरों में
-अधिकारी के नाम से आवंटित कार हमेशा उसी के साथ रहती थी।
खास होगी इलेक्ट्रिक कार
-40 मिनट में चार्ज होगी, सरकारी दफ्तर में लगेंगे फास्ट चार्जिंग प्वाइंट
-120 किलोमीटर दूरी तय करेगी एक बार पूरी तरह से चार्ज होने पर
-500 इलेक्ट्रिक कारें इसी साल के अंत तक अधिकारियों को मुहैया होगी।
…तो कार वापस ली जाएगी
मसौदे के मुताबिक, विभाग को हर माह निर्धारित कार का किराया चुका होगा। कोई विभाग वक्त पर किराए का भुगतान नहीं करता है, तो उस अधिकारी की कार वापस ले ली जाएगी।