सुदामा नगर स्थित यशलोक अस्पताल का पंजीयन किया निरस्त।
इंदौर : कलेक्टर आशीष सिंह ने उपचार में गंभीर लापरवाही बरतने पर सुदामा नगर स्थित यशलोक हॉस्पिटल का पंजीयन निरस्त कर दिया है। कलेक्टर को अस्पताल के खिलाफ इलाज में लापरवाही की शिकायत मिली थी।
जांच में पाया गया कि मेटरनिटी एवं लेबर रूम की पात्रता न होने पर भी यशलोक हॉस्पिटल में मेटरनिटी एवं लेबर रूम की सेवाएं दी जा रहीं थी। भौतिक निरीक्षण के दौरान भी हॉस्पिटल में मध्यप्रदेश नर्सिंग होम अधिनियम के अनुरूप रिकार्ड संधारण करना नहीं पाया गया, न ही इस प्रकार के ऑपरेशन के लिए उक्त हॉस्पिटल उपयुक्त पाया गया।
जाँच के दौरान सत्येन्द्र सिकरवार एवं कु. भावना शर्मा द्वारा जाँच समिति को अवगत करवाया गया कि वे डॉ. अक्षत लाहोटी से यशलोक हॉस्पिटल को किराए पर लेकर संचालित कर रहे थे। साथ ही वे बी.ई.एम.एस. योग्यताधारी होकर अपने नाम के आगे डॉक्टर नाम का उपयोग कर रहे थे, जो कि मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा संस्थान (नियंत्रण) अधिनियम 1973 की धारा 7-ग का उल्लंघन है। धारा का उल्लंघन करने पर सत्येन्द्र सिकरवार एवं कु. भावना शर्मा निवासी 2335 सेक्टर-ई सुदामा नगर इंदौर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर 07 दिवस में जवाब मांगा गया है। उपचार करने वाली स्त्रीरोग विशेषज्ञ व निश्चेतना विशेषज्ञ को चेतावनी पत्र जारी करते हुए भविष्य में और अधिक सतर्कता बरते जाने हेतु सख्त चेतावनी दी गई है।
मध्यप्रदेश उपचर्या तथा रुजोपचार संबंधित स्थापना अधिनियम 1973 के नियम 14, 16 एवं 17 के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के फलस्वरूप अधिनियम 1973 की धारा 6 (1) के तहत पंजीयन निरस्ती के आशय का पत्र जारी कर तत्काल अस्पताल को बंद करने की कार्रवाई की गई।