इंदौर : दिगम्बर जैन समाज के संतश्री विद्या सागर जी महाराज ने बुधवार को विहार करते हुए इंदौर से देवास जिले में प्रवेश किया।
मीडिया प्रमुख राहुल सेठी और ब्रह्मचारी सुनिल भैया ने बताया बुधवार को सुबह 6.30 बजे आचार्यश्री ने खुड़ैल स्थित मालवांचल से विहार शुरू किया था। मात्र 2 घंटे में ही साढ़े 8 किलोमीटर से अधिक का विहार करने के बाद वे डबल चौकी स्थित दिगम्बर जैन मंदिर पहुंचे और दर्शन किए। बाद में नज़दीक के विद्यालय में माँगलिक क्रिया की गयी। सभी माँगलिक क्रिया ब्रह्मचारी सुनिल भैया ने करायी। दोपहर 1.40 बजे सामायिक के पश्चात आचार्यश्री ने पुनः विहार शुरू किया। आचार्य श्री सहित सभी सन्तों ने दोपहर में इंदौर से देवास जिले में प्रवेश किया। आचार्य श्री और संघ का ये विहार नेमावर तीर्थ क्षेत्र की ओर चल रहा है।
ईमानदारी से करें करों का भुगतान।
आचार्यश्री ने इस मौके पर कहा कि आप लोग विशेष सुख चाहते हो तो आपका कर्तव्य है की जो नियम बने हैं, उनके अनुरूप करों का भुगतान करे। हम हमारे जीवन को उन्नत बनाना चाहते हैं तो कर हमें भरना होगा। क्योंकि आप लोगों के द्वारा ही उन्हें चुनकर ऊपर भेजा जाता है। लेकिन ऐसे नहीं भेजना चाहिए कि 5 साल ऊपर के ही रहक़र हो जाए। ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि यह नियम में है 5 साल के लिए वह सरकार चलाएंगे जनता की भलाई के लिए करेंगे और जनता की भलाई के लिए ही जनता को कर देना अनिवार्य है। कर में कुछ लोगों के लिए छूट रहती है। जैसे कि किसानों के लिए लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि बड़े-बड़े उद्योगपति-व्यापारी लोग भी किसान की छूट लेने लग जाए। ईमानदारी के साथ किसानों का भी कर्तव्य है कि वह अपना कार्य करें। जो किसान नहीं है, वह अपने आप को किसान ना कहे क्योंकि किसानों की जो खेती-बाड़ी होती है। उसमें कभी वर्षा होती है, कभी ओले गिर जाते हैं तो क्षति होती है तो उन्हें छूट मिलना न्यायिक है, आप लोग तो खूब कमाते है तो रोना नहीं कभी भी सरकार के सामने। हमने डबल चौकी का अर्थ निकाला और हर चीज़ डबल करवाई है। और डबल चौकी रखवाई है।