नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए 64 खंडपीठों का गठन

  
Last Updated:  September 8, 2023 " 08:29 pm"

आपसी सुलह – समझौते के आधार पर होगा प्रकरणों का निराकरण।

इन्दौर : इंदौर जिले में लंबित न्यायालयीन प्रकरणों के आपसी सुलह और समझौते के साथ त्वरित निराकरण के लिए 9 सितम्बर को नेशनल लोक अदालत आयोजित की जा रही है। इस लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए 64 खण्डपीठों का गठन किया गया है। यह लोक अदालत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत इंदौर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बी.पी. शर्मा के मार्गदर्शन में संपन्न होगी।

जिला न्यायालय इन्दौर, श्रम न्यायालय, परिवार न्यायालय एवं तहसील स्तर पर तहसील न्यायालयों, डॉ. अम्बेडकर नगर, देपालपुर, सांवेर व हातोद में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरण राजीनामे हेतु रखे गए हैं। इनमें राजीनामा योग्य आपराधिक 3559, सिविल 763, मोटर दुर्घटना क्लेम 2373, विद्युत 2565, चेक बाउंस 12750, बैंक रिकवरी 466, भू-अर्जन 16, राजस्व 31, वैवाहिक 705, अन्य 1705 प्रकरणों के साथ ही बैंक रिकवरी 36443, विद्युत 368, व अन्य 11152 से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरण राजीनामे के आधार पर निराकरण हेतु रखे जा रहे हैं।

उक्त नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला न्यायालय इन्दौर में 41 खण्डपीठ, श्रम न्यायालय की 01 खंडपीठ, कुटुम्ब न्यायालय में 05 खंडपीठ, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में 02 खण्डपीठ, मध्यप्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण में 01 खण्डपीठ तथा तहसील डॉ. अम्बेडकर नगर में 07 खंडपीठ, देपालपुर में 04 खंडपीठ एवं सांवेर में 02 खंडपीठ इस प्रकार कुल 64 खंडपीठों का गठन किया गया है।

उक्त लोक अदालत में विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को नियम एवं शर्तों के अधीन प्रीलिटिगेशन एवं लीटिगेशन स्तर पर छूट दी जाएगी। नगर निगम द्वारा संपत्ति एवं जलकर के सरचार्ज में राहत दी जा रही है। साथ ही लोक अदालत में राजीनामे के आधार पर प्रकरण के निराकरण पर पक्षकार अदा की गई कोर्ट फीस शासन से वापस प्राप्त कर सकेंगे। इसी प्रकार चेक बाउंस के मामलों में भी समझौता शुल्क में विवेकानुसार छूट रहेगी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इन्दौर द्वारा ऐसे सभी व्यक्तियों से जिनके राजीनामा योग्य प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है या प्रीलिटिगेशन मामले हैं, से अपील की गई है कि 09 सितम्बर, 2023 को जिला न्यायालय परिसर में उपस्थित होकर सुलह समझौते के आधार पर अपने प्रकरण का निराकरण कराएं।

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