नोएडा : भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़े नोएडा के सेक्टर 93 ए स्थित गगनचुंबी सुपरटेक ट्विन टॉवर जोरदार धमाकों के साथ महज 15 सेकंड में धराशाई हो गए। तय समय पर सायरन बजने के साथ ही सुपरटेक ट्विन टावर में विस्फोट किया गया और कुतुबमीनार से भी ऊंची दोनों इमारतें जमींदोज हो गई। ट्विन टॉवर ध्वस्त होते ही धूल का भारी गुबार उठा और चारों ओर फैल गया। बताया जाता है कि धूल के बारीक कण हवा में अगले तीन से चार दिन तक बने रहेंगे।
वाटर फॉल इंप्लोजन तकनीक का किया इस्तेमाल।
एपेक्स और सियान (टि्वन टावर) बिल्डिंग ढहाने वाली एडिफाइस एजेंसी ने करीब 3700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया था। टॉवर कंट्रोल ब्लॉस्ट के जरिए ढहाए गए। मलबा आस-पास न बिखर कर सामने की तरफ गिरे इसके लिए ‘वाटर फाल इम्पलोजन कोलैप्स मकैनिज्म’ का इस्तेमाल किया गया। इसमें मलबा झरने की तरह निश्वित खाली जगहों पर गिरा।
खाली करवा ली गई थीं आसपास की इमारतें।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन ट्विन टावरों को ढहाने की योजना बना ली गई थी। सुपरटेक बिल्डर की ओर से दायर की गई रिव्यू याचिका खारिज होने के बाद तय हो गया था की अवैध रूप से बनाए गए ट्विन टॉवर ध्वस्त कर दिए जाएंगे। टॉवर ढहाने से पहले आसपास की बहुमंजिला और अन्य इमारतों को खाली करवाकर रहवासियों को अन्यत्र भेज दिया गया था। इसके साथ ही सेक्टर-93 ए की तरफ आने वाले शहर के सभी रास्ते स्थानीय ट्रैफिक पुलिस ने बंद कर दिए थे। नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेस-वे पर भी ट्विन टॉवर ढहाने के पहले ट्रैफिक रोक दिया गया था।
15 मीटर ऊंचा बन गया मलबे का पहाड़।
धमाके के साथ धूल में मिले ट्विन टावरों के मलबे का ढेर ही करीब 15 मीटर ऊंचा बन गया है। नोएडा प्रशासन की मानें तो यह मलबा साफ करने में करीब तीन माह का समय लग सकता है।
800 करोड़ था बाजार मूल्य।
करीब 32 और 29 मंजिल ऊंचे इन ट्विन टावरों का बाजार मूल्य लगभग 800 करोड़ रूपए आंका गया था। इसको ढहाने में भी 18 करोड़ रुपए खर्च हुए।
711 ग्राहकों ने बुक कराए थे फ्लैट्स।
बताया जाता है कि ट्विन टॉवर्स में 711 लोगों ने फ्लैट्स बुक कराए थे। सुपरटैक बिल्डर ने 652 खरीददारों के साथ सेटलमेंट किया था। बुकिंग अमाउंट और ब्याज मिलाकर रिफंड का विकल्प दिया गया। कई ग्राहक ऐसे हैं जिनको अभी तक रिफंड नहीं मिल पाया है।