इंदौर : टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन एवं इंदौर सीए शाखा द्वारा एनआरआई टैक्सेशन विषय पर “इनकम टैक्स क्लीनिक” का आयोजन किया गयाl
टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट सीए शैलेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि वैश्वीकरण के इस युग में क्रॉस बॉर्डर ट्रांजेक्शन बहुत बढे हैं जिसके कारण इंटरनेशनल टैक्सेशन के इश्यूज बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं l इनकम टैक्स में एनआरआई टैक्सेशन विषय में कई भ्रांतियां हैं। गलत इंटरप्रिटेशन से कई बार करदाता को नोटिस का सामना करना पड़ता है l एनआरआई टैक्सेशन विषय में डील करते समय प्रोफेशनल्स को क्या क्या सावधानियां रखा चाहिए इस हेतु महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया।
एनआरआई आयकर पोर्टल पर लॉग इन कर अपडेट करें निजी जानकारी।
सेमिनार के मोडरेटर सीए अभिषेक गांग ने कहा कि एनआरआई टैक्सेशन एक स्पेसिफिक सब्जेक्ट हैl इन दिनों काफी एनआरआई को नोटिस मिल रहे हैं ये नोटिस आयकर की धारा 133(6) या 142(2) में जारी हो रहे हैंl आयकर के नोटिस अब ई-मेल तथा टैक्स मेसेज के द्वारा ही आते हैंl चूँकि करदाता विदेश में निवास करता है अतः ऐसे नोटिस करदाता की जानकारी में ही नहीं आ पाते हैं; कई केसेस में तो करदाता का आयकर पोर्टल पर लॉगिन ही रजिस्टर्ड नहीं होता है l इस कारण अधिकांश केस में जवाब सबमिट नहीं हो पाते हैं। विभाग को एक्स-पार्टी आर्डर इशू करना पड़ता है l उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए एनआरआई को आयकर पोर्टल पर अपना लॉगिन रजिस्टर्ड कर उसमे सही मोबाइल नंबर तथा ईमेल आई डी अपडेट करना चाहिए ताकि विभाग से प्रॉपर कम्युनिकेशन संभव हो सके।
डीडीटीए के जरिए बचा जा सकता है दोहरे करारोपण से।
कई बार ऐसा भी होता है जब करदाता की एक ही इनकम पर दो देशों में टैक्स की डिमांड की जाती है। इससे बचने के लिए करदाता को डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) का फायदा लेना चाहिए l डीटीएए के द्वारा करदाता डबल टैक्सेशन से बच सकता है l
सेमिनार का संचालन करते हुए टीपीए के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने कहा कि यदि निवासी (रेसिडेंशियल टैक्सपेयर) किसी एनआरआई से प्रॉपर्टी खरीदता है तो क्रेता को उक्त पर्चेस पर नियमानुसार टीडीएस काटना अनिवार्य होता है l इसके अतिरिक्त एनआरआई से कोई भी ट्रांजेक्शन करने के पहले अपने सीए से अवश्य राय लेना चाहिए।
इस अवसर पर सीए अजय सामरिया, सीए दीपक मंत्री, सीए चैतन्य महेश्वरी सहित बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे ।