पंचायतों को सशक्त किए बगैर देश का समग्र विकास संभव नहीं ..

  
Last Updated:  May 16, 2025 " 04:37 pm"

हमें शहरी क्षेत्र की सभी सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्र में भी उपलब्ध कराना होगी- पतजोशी।

इंदौर : केरल के पुलिस महानिदेशक संजीव पतजोशी का कहना है कि पंचायतों को सशक्त बनाए बगैर हम समग्र भारत के विकास की कल्पना नहीं कर सकते हैं। शहरी क्षेत्र में हमारे देश में जो साधन और सुविधाएं उपलब्ध हैं, वह ग्रामीण क्षेत्र में भी उपलब्ध कराना होगी।

पतजोशी गुरुवार शाम जाल सभागृह में अभ्यास मंडल की 64वीं ग्रीष्मकालीन व्याख्यान माला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ‘भारत के दुरगामी विकास में पंचायत की भूमिका’ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी गांवों में हम सड़क, बिजली,पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। हमारे देश में पंचायतों का महत्व पुराने समय से ही रहा है लेकिन उन्हें मजबूती नहीं दिए जाने से गांव में बुनियादी सुविधाओं के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरॉ की कमी है। यही कारण है कि गांव से शहर की ओर पलायन बदस्तूर जारी है।
उन्होंने कहा कि हमें कठिन समस्या को पहले हल करना चाहिए लेकिन होता यह है कि हम आसान समस्या को पहले हल करने लग जाते हैं और कठिन समस्या को लंबित रख देते हैं। पंचायत को सरकार की ओर से इतना पैसा नहीं मिलता है कि वह अपने गांव में पक्की और अच्छी सड़क भी बना सके। जब प्रधानमंत्री आवास योजना को तैयार किया जा रहा था तो उस समय यह प्रावधान किया गया था कि गरीबों के लिए जो एक यूनिट बनकर तैयार होगा उसकी लागत 6 लाख रुपए होगी। यह प्रस्ताव जब वित्त मंत्रालय के पास गया तो उन्होंने इतने ज्यादा खर्च पर आपत्ति ली और उस यूनिट की कीमत को घटाकर 1.5 लाख रुपए कर दिया। अब इतने कम पैसे में आवास के लिए कैसा यूनिट बनेगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यही कारण है कि आज इस योजना के तहत बने आवास लोगों के लिए ज्यादा उपयोगी साबित नहीं हो रहे हैं।
पतजोशी ने कहा कि हमारे देश में 6 लाख गांव हैं और 2.5 लाख पंचायतें हैं। पंचायत क्षेत्र में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की व्यवस्था की गई है। इस समय हमारे देश में पंचायत में 47% पदों पर महिलाएं हैं। इसके साथ में यह एक बुराई भी जुड़ गई है कि चुनाव लड़कर महिला जीत जाती है और सारा काम उसका पति संभालता है। इसके चलते हुए गांव में सरपंच पति के रूप में एक नया शक्ति केंद्र नजर आता है।
उन्होंने कहा कि पंचायत में होने वाले भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए सरकार द्वारा बड़े कदम उठाए गए हैं। पंचायत के खाते से नकद राशि का आहरण और चेक जारी करने का काम पूरी तरह से रोक दिया गया है। अब पंचायत से सारा पैसा ऑनलाइन ही ट्रांसफर होता है। पंचायत के पास भी सरकार की ओर से पैसा डिजिटल ही आता है। इसके साथ ही पंचायत में जहां भी जो विकास कार्य हो रहा है उसके लिए जिओ ट्रैकिंग का सिस्टम लागू कर दिया गया है। इस तरह से गांव की व्यवस्था को बेहतर बनाने का काम किया गया है। राजस्व के संग्रहण के लिए पंचायत के पास संपत्ति कर और मनोरंजन कर के रूप में दो ही साधन हैं। इनसे भी पंचायत को कोई ज्यादा राजस्व अर्जित नहीं होता। हमें यदि अपने देश में समग्र विकास की धारणा को क्रियान्वित करना है तो पंचायत के विकास के बगैर यह संभव नहीं है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदौर के एसीपी अमित सिंह ने की। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति से आशय गांव में रहने वाले उस व्यक्ति से है जिसके पास तक साधन और सुविधा की अप्रोच नहीं है। हमें ऐसे व्यक्ति की समस्याओं का समाधान कर उस तक सुविधाएं पहुंचाना है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत अशोक मित्तल, आरके जैन, संजय मोगरा, श्रद्धा जैन, ओपी जोशी और श्रवण गुप्ता ने किया। कार्यक्रम का संचालन वैशाली खरे ने किया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह सुनील मोहता और सीए राजेंद्र गोयल ने भेंट किए। कार्यक्रम के अंत में श्याम सुंदर यादव ने आभार प्रदर्शन किया।

आज का व्याख्यान।

अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता और सचिव माला सिंह ठाकुर ने बताया कि व्याख्यान माला में शुक्रवार को आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व डायरेक्टर जगदीप एस छोकर का व्याख्यान होगा। इस व्याख्यान का विषय है भारत में लोकतंत्र एवं चुनाव। इस व्याख्यान की अध्यक्षता देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राकेश सिंघई करेंगे।

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