इंदौर : राजबाड़ा के आस पास के क्षेत्र को पटरी अतिक्रमण के हवाले कर प्रशासन की खामोशी हमें अधिक परेशान कर रही है । शहर के जनप्रतिनिधि व्यवसायिक संगठनों के साथ इसतरह अनजाना ओर अबोला व्यवहार न करें। इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसो. के अध्यक्ष अक्षय जैन ने कहा कि मध्य क्षेत्र के व्यापारियों का संगठन इतने दिनों से प्रशासन को सड़क पटरी से अतिक्रमण और कब्जेधारियों को हटाकर यातायात सुगम बनाने की मांग कर रहा है लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है । मजबूर होकर व्यापारियों को जनपंचायत बुलाना पड़ी है ।
कारोबारियों की आवाज को अनसुना करने के परिणाम अच्छे नहीं होंगे।
इस अवसर पर अहिल्या चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि व्यापारियों की आवाज को अनसुना करने का परिणाम बहुत भयानक हो सकता है । व्यापारियों की सहन शक्ति जवाब देने लगी तो प्रशासन को जगाने के लिए हम चरणबद्ध आंदोलन करेगे। बोहरा बाजार से खुजेमा बादशाह ने कहा कि हमे कमजोर मानने वाले भूल कर रहे हैं । हम सड़क पर एक साथ आए तो जनप्रतिनिधियों और शासन- प्रशासन के रास्ते छोटे हो जाएंगे।
सरकार ने अनसुनी की तो टैक्स नहीं देंगे।
क्लाथ मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष हंसराज जैन ने कहा कि शासन प्रशासन इस जनपंचायत से निकले शंखनाद को सुन ले। अगर अनसुना किया तो हमारा आखिरी निर्णय भी जान ले कि हम कोई भी व्यापारी किसी भी तरह का टैक्स अदा नही करेंगे। गोपाल मंदिर से 135 दुकाने हटाई तो फिर कैसे ओर किस अधिकार से सड़कें अतिक्रमणकारियों के हवाले कर दी गई । एक ईंट भी गलत हो तो इस्पेक्टर दरोगा खड़ा हो जाता है तो राजबाड़े के आस पास 500 पटरी वाले सड़क जाम कर कारोबार कर रहे हैं और प्रशासन के अधिकारी चुप हैं, ऐसा किस वजह से होता है आप सभी जानते है । व्यापरियों के पेट की लड़ाई है। लाखों की पूंजी लगाकर व्यापार करने का परिश्रमी व्यापारी न केवल खुद का घर चलाता है, कर्माचारियों का का घर चलाता है और सरकार का खजाना भी भरता है । अगर प्रशासन हमारी नही सुनता है तो हम टैक्स नही देंगे। इस अवसर पर शिल्पज्ञ अतुल सेठ ने शासन के मास्टर प्लान के क्रियान्वयन में भेद और अपरिपक्वता का जिक्र किया । गोविंद अग्रवाल ने इस शहर को बेतरतीब बनाने के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के गठजोड़ को दोषी बताया । कैलाश मुंगड ने कहा जहा जहा स्मार्ट सिटी के नाम पर अतिक्रमण हटाए, वहां नए सिरे से गुंडो के कब्जे होना किसकी सरपरस्ती में है यह भी सभी को मालूम है लेकिन बोले कौन? मेरा बेटा मेरे जैसा हो और पड़ोसी का बेटा भगतसिंह की सोच बदलना होगी। अब निर्णायक लड़ाई लड़ने का वक्त है। हम अपने अधिकार के लिए एकजुट हो । राजबाड़ा की ओर से हम सभी बाजार पल्लवित होते हैं तो आज हम अतिक्रमण से प्रभावित भी हैं। शासन का ध्यान दिलाने के लिए बड़ा जन आंदोलन करें। औद्योगिक संगठन अध्यक्ष गौतम कोठारी यह शहर हित की लड़ाई है मेरा तेरा पट्टे की गुमटी से निकल कर जनप्रतिनिधियों को भी शहर की चिंता करना होगी। मारोठिया बाजार से उमेश जैन ,सोशल एक्टिविस्ट किशोर कोडवानी ने भी अपने विचार रखे। सामूहिक निर्णय हुआ कि आगामी 24 घण्टो में प्रशासन इस विषय पर व्यापारिक संगठनों के साथ संवाद समन्वय नही करेगा तो चरणबद्ध आंदोलन और मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री के यहां 40 व्यापारिक प्रतिनिधियों का दल जाएगा । वहां सुनवाई सकारात्मक नही हुई तो व्यापारी शासन को टैक्स नही देगा ।