भोजन और पानी के बिना तो कुछ दिन जीवित भी रह सकते है, पर सांस लिए बिना कैसे जिएंगे- डॉ. खुराना।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक – डॉ.सलिल भार्गव
लंग केयर फाउंडेशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि और ज्ञानपुष्प फाउंडेशन ने उठाया बीड़ा।
इंदौर : लंग केयर फाउंडेशन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि और ज्ञानपुष्प फाउंडेशन के संयुक्त बैनर तले विश्व लंग कैंसर दिवस के अवसर पर महाराजा यंशवंत राव हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसक मुख्य उद्देश्य था इंदौर शहर को पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त करना। इस बात के मद्देनजर कार्यक्रम में वायु मित्र अभियान की विधिवत शुरुआत की गई।
कार्यशाला में डॉ. सलिल भार्गव ने उपस्थित चिकित्सकों एवं समाज सेवियों को वायु मित्र अभियान के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी।उन्होंने बताया कि कैसे हम समन्वित प्रयास करके इंदौर व मध्य प्रदेश के पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त कर सकते हैं।उन्होंने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण के कारण फेफड़ों सहित शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं। फेफड़ों के कैंसर का एक
प्रमुख कारण वायु प्रदूषण है।
कार्यक्रम के मुख्या अतिथि एसीपी ट्रैफिक अरविन्द तिवारी, एमवायअस्पताल के अधीक्षक डॉ.अशोक यादव और अन्य अतिथियों ने वायु मित्र स्टीकर को लॉन्च किया। ये स्टिकर दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों पर लगाए जाएंगे। शर्त ये रखी गई है कि वही लोग इसे लगायेंगे जो ट्रेफिक के नियमों का पालन करेंगे और पर्यावरण हित में काम करेंगे।
इस दौरान एसीपी ट्रैफिक तिवारी ने कहा की यदि सभी लोग प्रण कर ले तो इंदौर शहर के पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं।
हवा (ऑक्सीजन)के बिना हम जीवित नहीं रह सकते।
लंग केयर फाउन्डेशन के संस्थापक डॉ. राजीव खुराना ने बताया की अब वह समय आ गया जब हमें इंदौर को दिल्ली नहीं बनने देना है।अभी भी हमारे पास समय है की हम सब मिलकर इंदौर शहर को प्रदूषण मुक्त कर इसकी आबोहवा को जहरीला होने से बचा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया की लोग खाने अथवा पानी के बिना तो कुछ दिन जीवित रह सकते हैं लेकिन बिना सांस लिए हम तीन मिनट से ज्यादा जीवित नहीं रह सकते। यदि जीवित रहना है तो शहर को प्रदुषण मुक्त करना ही होगा, उन्होंने यह भी कहा कि इंदौर स्मार्ट सिटी तो बन गया है पर यहां के सिटीजन को भी स्मार्ट बनना होगा और नगर हित में सोचना होगा। उन्होंने कोरोना काल में ऑक्सीजन को लेकर मची मारामारी का जिक्र करते हुए कहा कि हम वक्त रहते नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब पानी की तरह ऑक्सीजन भी खरीदनी पड़ सकती है।
इस दौरान प्रसिद्ध पर्यावरण विद डॉ. दिलीप वाघेला और पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के सागर चौकसे ने भी शहर के पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करने हेतु अपने विचार रखे।
डॉ.दिलीप आचार्य ने धूम्रपान को फेफड़े और पर्यावरण दोनों के लिए घातक बताया।उन्होंने यह भी बताया की 90 प्रतिशत कैंसर के मामले सिर्फ स्मोकिंग की वजह से होते हैं।
कार्यक्रम के शहर में दिल्ली से आये डॉ राजीव खुराना, डॉ सलिल भार्गव, डॉ नरेन्द्र पाटीदार, डॉ रवि डोसी, डॉ दिलीप आचार्य, डॉ दिलीप वाघेला, प्रो. ओपी जोशी, नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन के डॉ सुरेश धोल्वे, डॉ. एनपी जैसवाल, डॉ. आर एस चौहान, जनरल प्रेक्टिशनर एसोसिएशन के डॉ.ओ पी कनकने सहित शहर की कई संस्थाओ के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में डॉ. खुराना द्वारा लिखी गयी ई-बुक एको सेवी को लांच भी किया गया। इस पुस्तक में पर्यावरण को हानि पहुचाने वाले कारकों और उनसे निपटने के उपायों को बहुत ही रोचक तरीके से बताया गया है।कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन श्रीमती संगीता पाठक ने किया।