इंदौर : मराठा साम्राज्य का हिस्सा रहे इंदौर में गणेशोत्सव मनाने की परम्परा सैकड़ों सालों से चली आ रही है। होलकर रियासत के महाराजाओं ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया और व्यापक स्वरूप दिया। राजशाही का दौर तो खत्म हो गया लेकिन गणेशोत्सव की शाही परंपरा आज भी जारी है। सोमवार को गणेश चतुर्थी के मौके पर होलकर परिवार के वंशज शाही लवाजमें के साथ जूनी इंदौर पहुंचे और खरगोनकर परिवार द्वारा निर्मित श्री गणेश की मूर्ति को पालकी में विराजित किया। बाद में बाजे- गाजे के साथ शोभायात्रा के रूप में गणनायक को विभिन्न मार्गों से होते हुए राजबाड़ा लाया गया। पालकी को शाही वेशभूषा धारण किये कहार कंधों पर उठाए चल रहे थे। जगह – जगह लोगों ने शाही गणेश के दर्शनों का लाभ लिया। राजबाड़ा पहुंचने के बाद विधिविधान के साथ शाही गणपति की स्थापना की गई।
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