पेपर लीक मामले में बम के कॉलेज की रद्द हो मान्यता

  
Last Updated:  June 19, 2024 " 06:28 pm"

देवी अहिल्या विवि के कुलपति और रजिस्ट्रार को किया जाए बर्खास्त।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मृणाल पंत ने की मांग।

इंदौर : देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पेपर लीक मामले में कांग्रेस ने कुलपति और रजिस्ट्रार को जिम्मेदार ठहराते हुए दोनों को पद से हटाने की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता ने मोहन यादव सरकार पर पेपर लीक के दोषियों को बचाने का भी आरोप लगाया है।

बम के कॉलेज की मान्यता रद्द हो।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मृणाल पंत ने पूर्व विधायक रवि जोशी और विवि कार्यपरिषद के पूर्व सदस्य अजय चोरड़िया के साथ मीडिया से चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि जिस आइडियल कॉलेज से एमबीए क्वांटिटेटिव टेक्निक्स का पेपर लीक हुआ था, उसके संचालक अक्षय बम हैं। उनके खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इसके अलावा उसके कॉलेज की मान्यता भी रद्द की जानी चाहिए।पूर्व में ऐसे ही एक मामले में रीना बौरासी के कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई थी।

उच्च शिक्षा आयुक्त की आड़ में मुख्यमंत्री पर उठाए सवाल।

मृणाल पंत का कहना था कि विवि कार्यपरिषद् की बैठक की अध्यक्षता करने उच्च शिक्षा आयुक्त का इंदौर आना और पेपर लीक मामले से अनभिज्ञता जाहिर करना हैरत में डालने वाला है। बैठक में पेपर लीक को लेकर अक्षय बम के कॉलेज की मान्यता खत्म करने की बजाए महज 05 लाख का जुर्माना और तीन साल के लिए परीक्षा केंद्र नहीं बनाने का निर्णय समझ से परे है। केंद्र सरकार का कानून ऐसे मामलों में 10 साल की सजा और 1करोड़ रुपए जुर्माने की बात कहता है। ऐसे में अक्षय बम व उसके कॉलेज पर मामूली कार्रवाई करना साबित करता है की पेपर लीक करने वालों को यादव सरकार का संरक्षण है और वह अक्षय बम जैसे लोगों को बचाना चाहती है।

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