इंदौर : अनादि काल से प्रकृति हमारी पूजक रही है।
जल,नदी,सागर,पेड़,पौधे,वायु इन सभी को हमारे सनातन धर्म ने देव तत्व माना है। हर पूजा इन सभी के बिना अधूरी है। इस धरा की रक्षा करना हम सब धरती मां के पुत्रों की जिम्मेदारी है। आज हमारी प्रकृति संकट में है कई चुनौतिया हमारे सामने हैं, इन सभी से संघर्ष करते हुए हमें अपनी प्रकृति को बचाना है। प्रकृति के लिए निस्वार्थ जीना होगा, निरंतर जागरण करना होगा। प्रकृति का सरंक्षण ही देवतत्व की अभिव्यक्ति है। ये विचार महामंडलेश्वर श्री ईश्वरानंद ब्रह्मचारी महाराज(श्री उत्तम स्वामीजी) ने पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रकृति से मित्रता कार्यक्रम में कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चोइथराम स्कूल नॉर्थ कैंपस के प्राचार्य ने कहा की शिक्षा जगत के जरिए हम नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति संकल्पित करने का कार्य कर रहें है।
मालवा प्रांत के प्रांत कार्यवाह विनीत नवाथे ने अपने उद्बोधन में कहा की सभी के संयुक्त प्रयास से हम अवश्य प्रकृति सरंक्षण के कार्य को पूर्ण कर सकते हैं। आवश्यकता प्रकृति के लिए सभी सेवा संगठनों को एक साथ कार्य करने की है। जब हम सभी एक शक्ति से, एक दिशा में लंबे समय तक कार्य करेंगे तो परिणाम निश्चित ही सकारात्मक होंगे।
पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के विभाग संयोजक सागर चौकसे ने प्रस्तावना में कहा कि यह कार्यक्रम इंदौर को हरा भरा करने की दिशा में एक कदम है।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण ऋतुजा पहाड़े ने दिया आभार स्वाति चौहान ने माना। कार्यक्रम का संचालन ललिता पाटिल ने किया।