देपालपुर : दीपावली के दूसरे दिन देपालपुर तहसील के ग्राम गौतमपुरा में हिंगोट युद्ध की परंपरा रही है। इस युद्ध को देखने के लिए आसपास के गांवों के अलावा इंदौर से भी बड़ी संख्या में लोग जाते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने हिंगोट युद्ध की अनुमति नहीं दी। बावजूद इसके कई लोग आयोजन स्थल पर जमा हो गए और जलते हुए हिंगोट एक- दूसरे पर चलाना शुरू कर दिया। इस पर वहां तैनात पुलिस बल ने सख्ती बरतते हुए हिंगोट चलाने वालों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। वहां मजमा लगाकर खड़े लोगों को भी पुलिस ने हलका बलप्रयोग कर खदेड़ दिया। बड़ी संख्या में हिंगोट भी पुलिस ने जब्त कर लिए।
कलगी और तुर्रा सेनाओं में होता है हिंगोट युद्ध।
गौतमपुरा में हिंगोट युद्ध की परंपरा बहुत पुरानी है। रुणजी और गौतमपुरा के कलगी व तुर्रा दलों के बीच ये युद्ध होता है। हिंगोट एक तरह का फल होता है। उसमें बारूद भरकर उसे तैयार किया जाता है। दिवाली के दूसरे दिन निर्धारित स्थान पर दोनों दल आमने- सामने आकर एक- दूसरे पर हिंगोट फेंकते हैं। इस युद्ध में प्रतिवर्ष कई लोग घायल हो जाते हैं। कई बार हिंगोट रास्ता भटक कर दर्शकों बीच भी चला जाता है। इसके चलते इस पर बैन लगाने की मांग पहले भी कई बार की गई। कोरोना संक्रमण ने प्रशासन को ये मौका उपलब्ध करा दिया।