बीजेपी के शासनकाल में शासकीय स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खस्ता

  
Last Updated:  November 4, 2023 " 08:36 pm"

स्वास्थ्य मंत्रालय बना बीजेपी का एटीएम।

इंदौर : शासकीय अस्पतालों की हालत खस्ता है। अनेक वर्षों से इंदौर के जिला अस्पताल का काम लंबित है। सारा भार एमवाय अस्पताल पर लाद दिया गया है। आस पास के जिले के लोग भी यहां भेज दिए जाते हैं।
आए दिन संसाधनों की कमी के कारण मरीज के परिजन और डॉक्टर के बीच कहासुनी भी होती रहती है। हालत ये है कि कई जगह डॉक्टर हैं तो अस्पताल नहीं हैं और अस्पताल है तो डॉक्टर नहीं हैं या फिर कहा जाए तो दवाई भी नहीं है। सरकार का स्वास्थ्य मिशन किसी ढकोसले से कम नहीं है। यह सिर्फ इंदौर या मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश की जनता ने देखा है।

ये कहना है कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता चरण सिंह सपरा का।वे शनिवार को प्रेस वार्ता के जरिए अपनी बात रख रहे थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर स्थापित संजीवनी क्लीनिक खुद बीमार अवस्था में हैं। उनमें डॉक्टर नहीं हैं। मेधावी छात्र योजना फ्लॉप हो गई है। एम्बुलेंस सर्विस कम हुई है।पैथोलॉजी जांच के लिए हब एंड स्पोक मॉडल और टेली कंसल्टेशन में रोज भ्रष्टाचार हो रहा है।

अव्यवस्था का शिकार सरकारी अस्पताल

सपरा ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल में ना तो हेल्प डेस्क है ना ही काउंसलर है। अस्पताल इक्विपमेंट खरीदने में करोड़ों का भ्रष्टाचार हो रहा है।दवाइयां खरीदने में भाजपा नेता प्रायोजित दवा कंपनियों को प्राथमिकता दी जाती है।

भर्ती परीक्षाओं में हो रहा घोटाला।

कांग्रेस प्रवक्ता सपरा ने कहा कि 50% कमीशन खोरी के खुले उदाहरण स्वास्थ्य विभाग में नजर आते हैं। नर्सिंग घोटाले की गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है। बीएचएमएस, डेंटल, फार्मेसी इत्यादि परीक्षाएं काफी विलंब से होती हैं और जब भी होती हैं तो उनमें भ्रष्टाचार ज्यादा होता है।

पिछले 5 वर्षों में डेंटल और पैरामेडिकल स्टाफ हेतु एनएचएम यानि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी एमपीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में या तो विलंब हुआ या फिर गड़बड़ी हुई है। 7500 डॉक्टरों के मंजूर पदों के विरुद्ध सिर्फ 3500 डॉक्टर कम कर रहे हैं। पैरामेडिकल स्टाफ भी मात्र 50% ही है। सरकारी हॉस्पिटल बिना देवताओं के मंदिर जैसे बने हुए हैं। मध्य प्रदेश में डॉक्टरों का सैलरी स्ट्रक्चर कमजोर है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और पब्लिक हेल्थ सर्विस के डॉक्टर के लिए दोहरे मापदंड है।

यदि बात टीकाकरण सिस्टम की करे तो टीकाकरण सिस्टम भी बहुत कमजोर है। इस वजह से शिशु मृत्यु दर में मध्य प्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में ये करेगी कांग्रेस।

कांग्रेस पार्टी के वचन पत्र द्वारा घोषित 25 लाख का स्वास्थ्य बीमा प्रत्येक नागरिक का होगा।10 लाख का दुर्घटना बीमा भी करवाया जाएगा। ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी। जिससे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ को फायदा होगा।

हर विधानसभा में 50 बेड का मॉडल अस्पताल बनाया जाएगा।

सरकारी दवा दुकान खोलकर 70% सस्ती दवा दिलाने का काम सरकार करेगी। महिलाओं हेतु 100% मुफ्त टीकाकरण होगा। प्रसव हेतु एंबुलेंस सेवा बढ़ाएंगे डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की भर्ती शुरू करेंगे।

पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं सह प्रभारी कुलदीप इंदौरा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्डा, कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. आदित्य पंडित, डॉ. पारुल माहेश्वरी, चुनाव प्रबंधन व्यवस्था एवं समन्वय समिति के सदस्य कौमी एकता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सच सलूजा, प्रदेश प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी, नीलाभ शुक्ला, अमित चौरसिया,चरणजीत सिंह खनुजा, आनंद जैन कासलीवाल उपस्थित थे।

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