प्रवासी भारतीय सम्मेलन।
मालवी चौका में पधारजो साब।
इंदौर, प्रदीप जोशी।0नए साल की शुरूआत इंदौर के लिए बहुत खास रहने वाली है। पहला प्रवासी भारतीय सम्मेलन और उसके बाद ग्लोबल इंवेस्टर समिट। प्रदेश और शहर के लिए प्रतिष्ठापूर्ण चार दिनी महोत्सव की शुरूआत 8 जनवरी को होगी। पहले दो दिन प्रवासी भारतीय मेहमानों के नाम रहेंगे और बाद के दो दिन देश के ख्यात उद्योगपतियों के नाम होगे। विदेशों से आ रहे हमारे मेहमान उस शहर में आ रहे हैं जिसे प्रदेश की आर्थिक राजधानी ही नहीं बल्कि खानपान के शोकिनों की नगरी कहा जाता है। जाहिर बात है कि जब मेजबान इंदौर है तो खान पीने का इंतजाम भी कुछ खास ही होगा।
मेहमानों के लिए सजेगा मालवी चौका।
जी हां, पहले दो दिन यानि 8 और 9 जनवरी को मेहमानों के लिए सजेगा मालवी चौका। इस चौके का नाम मालवी जरूर है मगर इसमे निमाड़ के स्वाद का भी खास इंतजाम है। आईए बताते है क्या कुछ खास रहेगा मालवी चौके में..।
खान पान के शोकिनों के लिए इंदौर जन्नत से कम नहीं। कहते है ना, किसी के दिल में उतरने का रास्ता पेट से हो कर जाता है। बस इसी बात को ध्यान में रखते हुए मेहमानों का मेन्यू तैयार किया गया है। मेन्यू में कुल चालीस आइटम शामिल हैं।इनमें इंडियन खाने के साथ मेक्सिकन, मंगोलियन, लेबनीस, इटेलियन फूड तो रहेंगे ही पर खास जोर मालवा-,निमाड़ के व्यंजनों पर रहेगा। यकिन जानिए आने वाले मेहमान ताउम्र इंदौर की मेहमान नवाजी को याद रखेंगे।
मालवा की महक से भरा होगा पहले दिन का लंच।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन के पहले दिन का लंच, मालवी महक से भरा होगा। मालवा की खास पहचान दाल-, बाफले के साथ मक्का के पानिये, स्टफ्ड बाटी, ,,मालवी कढ़ी, हरे छोड़ की सब्जी, आलू मेथी, बेसन गट्टा, आलू अचारी, केसरिया रवा लड्डू के साथ गुलाब और बादाम का चूरमा खास तौर से शामिल रहेगा।
सराफा चौपाटी के नाम पहले दिन की शाम।
इंदौर की सराफा चौपाटी ने अपने स्वाद के दम पर देश दुनिया में नाम कमा रखा है। पूरी दुनिया से आ रहे प्रवासी भारतीयों को सराफा चौपाटी का स्वाद चखाना तो लाजमी है। मेहमानों को सराफा लाना तो मुश्किल काम है लिहाजा ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में ही इस चौपाटी को सजाया जाएगा। अग्रवाल की टिक्की, जोशी का दही बड़ा, सांवरिया की खिचड़ी, नागोरी की शिकंजी, इंदौर की खास घी में तैरती जलेबी जिसे जलेबा भी कहा जाता है, रबडी के मालपुए, रबड़ी बासुंदी, अग्रवाल की आईसक्रीम, भुट्टे का कीस, गराड़ू , घनश्याम के पानी पतासे जैसी सराफा की खास चीजे चौपाटी पर उपलब्ध रहेंगी।
दूसरा दिन भी कुछ कम नहीं।
दुसरा दिन यानि 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस है। इस दिन भोजन की थाली ठेठ देशी अंदाज वाली रहेगी। लंच में परम्परागत मेनकोर्स के अलावा मालवा निमाड़ के खास व्यंजन परोसे जाएंगे। मक्के के पानिए, मिक्स दाल, चटनी, मंदसौर नीमच की खास झकोरमा पूड़ी, खट्टी मिठी दाल, पिंड खजुर की चटनी, बड़नगर के दाल बिस्किट, सेव की सब्जी, भुट्टे के लड्डू , आम पाक, रतलाम के गराड़ू, बदनावर की कचोरी, हिंग वाले दाने, उज्जैन की प्रसिध्द देशी घी की पूड़ी, आलू की सब्जी, बूंदी का रायता, बालू शाही, मिठी नुक्ति, उज्जैनी सेव और बहुत कुछ…
और हां भोजन अगर ज्यादा हो जाए तो चिंता की बात नहीं, उज्जैन वाले स्वामी मुस्कुराके अपनी हाजमा हजम मसाला खारक लेकर हाजिर रहेंगे।
गजब एमपी के बेजोड़ स्वाद।
सम्मेलन के दुसरे दिन के डिनर को एक अलग रंग देने की तैयारी है क्योंकि एमपी जितना गजब है, यहां के स्वाद उतने ही बेजोड़ हैं। दुसरे दिन इंदौर की पहचान 56 दुकान के खास स्वाद चखाने की तैयारी है। इनमे जॉनी का हॉटडॉग, विजय का खोपरा पेटिस और मटर की कचोरी, अग्रवाल की बेसन चक्की, भंवरीलाल की बालूशाही, एमआईजी के मंगोड़े, आरती स्वीट्स के सिंधी घेवर, दाल पकवान खास है। साथ ही घी गुड़ के साथ मालवी खिचड़ा, गेहूं का खिराण, पुरण पोली, कढ़ी और सबसे खास राम भाजी का स्वाद भी मेहमान भूल नहीं पाएंगे।
यह भी है खास काउंटर।
झाबुआ – ज्वार, मक्का की रोटी, उड़द दाल, लहसून की चटनी।
ग्वालियर – गजक, पैठा, बेडमी पूड़ी, आलू की सब्जी, बहादरा के लड्डू।
शिवपुरी – मावे की मीठी गुंजिया, मावे की चक्की, कड़क सेंव।
सतना – चारोली पाक।