इंदौर : प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, इंदौर द्वारा आयोजित “प्रेस्टीज प्रिंसिपल मीट” (अकादमिक लीडर्स समिट) में शहर के लगभग 100 प्रमुख शिक्षाविदों, स्कूल प्रिंसिपल्स और शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों को शिक्षा क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम शिक्षाविदों के योगदान को मान्यता देने और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
यह शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान देने वालों का सम्मान।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन ने समारोह में उपस्थित शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए कहा, “यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि हम ऐसे शिक्षाविदों को सम्मानित कर रहे हैं, जिन्होंने शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। सच्चा लीडर वह होता है, जो खुद राह बनाकर दूसरों को प्रेरित करे और शिक्षा को एक नई दिशा दे। हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ना और उन्हें नवाचार के लिए प्रोत्साहित करना है।” उन्होंने अटल इनक्यूबेशन सेंटर का जिक्र करते हुए बताया कि यह केंद्र युवाओं को रचनात्मकता और उद्यमशीलता के लिए प्रेरित कर रहा है।
आधुनिक शिक्षण पध्दतियों से लैस हों शिक्षक।
डॉ. जैन ने शिक्षा के बुनियादी ढांचे और संसाधनों की कमीं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “आज भी कई स्कूल डिजिटल और भौतिक संसाधनों से वंचित हैं। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि शिक्षक आधुनिक शिक्षण पद्धतियों से लैस हों और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकें। इस समिट का उद्देश्य इन मुद्दों पर चर्चा करना और समाधान खोजना है।”
एनईपी की नामांकन दर 50 प्रतिशत तक ले जाना शिक्षाविदों की जिम्मेदारी।
प्रेस्टीज ग्रुप के डायरेक्टर डॉ. एस. एस. भाकर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “एनईपी 2020 का लक्ष्य 2035 तक उच्च शिक्षा में नामांकन दर को 50% तक ले जाना है। यह शिक्षाविदों की जिम्मेदारी है कि वे इसे साकार करने में अपनी भूमिका निभाएं।”
पीआईएमआर के एडमिशन डायरेक्टर डॉ. राजीव रघुवंशी ने स्वागत भाषण में छात्र जीवन में स्कूल शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और पद्मश्री डॉ. एन.एन. जैन द्वारा स्थापित मूल्यों को याद किया।
मुफ्त ड्रोन ट्रैक वर्कशाप का होगा आयोजन।
प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट एंड रिसर्च के सीनियर डायरेक्टर मनोज देशपांडे ने सीबीएससी के नए पाठ्यक्रमों और एनईपी 2020 के तहत उभरती प्रौद्योगिकियों की सराहना की। उन्होंने कहा, “सीबीएससी ने कक्षा 10वीं से 12वीं के पाठ्यक्रमों में जो तकनीकि और व्यावहारिक नवाचार किए हैं, वे सराहनीय हैं। एक इंजीनियरिंग संस्थान होने के नाते, हम स्कूलों के साथ मिलकर मुफ्त ड्रोन ट्रैक वर्कशॉप आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।”
पीआईएमआर-यूजी डायरेक्टर कर्नल डॉ. एस. रमन अय्यर ने आयोजन की सफलता के लिए सभी को धन्यवाद देते हुए इसे शिक्षाविदों के लिए एक प्रेरणादायक मंच बताया।
कार्यक्रम में पीआईएमआर भोपाल ग्रुप डायरेक्टर डॉ. अनिल बाजपाई, एआईसी डायरेक्टर डॉ. संजीव पाटनी, पीआईएमआर लॉ कैंपस के डायरेक्टर डॉ. रवि गुराने, पीआईएमआर देवास डायरेक्टर डॉ. आर.के. जैन, डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आशिमा जैन, डॉ. ब्रजेश गुप्ता, एडमिशन कोऑर्डिनेटर डॉ. सुखजीत मथारू, डॉ. चेतन नागर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस समिट ने शिक्षाविदों को एक साझा मंच प्रदान किया, जहां उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नई चुनौतियों और नवाचारों पर चर्चा की। यह आयोजन शिक्षा के प्रति समर्पित सभी व्यक्तियों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत साबित हुआ।