इंदौर : किसान संगठनों का बन्द का आह्वान इंदौर में तो बेअसर रहा लेकिन कांग्रेस ने बन्द का समर्थन करते हुए छावनी अनाज मंडी में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा कर रहे थे।पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक विशाल पटेल और अन्य नेता भी उनके साथ थे। कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए तीनों नए केंद्रीय कृषि कानून वापस लेने की मांग की। इस दौरान मंडी पहुंचे कुछ किसानों को रोकने का प्रयास करने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से हल्की झड़प भी हुई।
बिना चर्चा के काला कानून लेकर आई है सरकार।
अग्रसेन चौराहे से दो पहियां वाहनों पर सवार होकर शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता अनाज मंडी पहुंचे थे। मंडी के गेट पर प्रदर्शन और नारेबाजी करने के बाद दिग्विजय सिंह, सज्जन वर्मा और अन्य नेता व कार्यकर्ता मंडी प्रांगण में घूमकर हम्माल व तुलावटियों से मिले और उनसे चर्चा की। हैरत की बात ये रही कि इस दौरान दिग्विजय सिंह ने एक कांग्रेसी नेता को ही किसान के रूप में सामने खड़ा कर दिया और नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताने लगे। उनका कहना था कि तीनों कृषि कानून किसानों के हितों के खिलाफ हैं। केंद्र सरकार बिना किसानों से चर्चा के ये कानून लेकर आई है।
कारपोरेट घरानों के दबाव में कृषि कानून लेकर आई है सरकार।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अडानी- अम्बानी जैसे कारपोरेट घरानों के दबाव में उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए ये कृषि कानून लेकर आई है। इनसे किसानों का हित बुरी तरह प्रभावित होगा। सरकार को तुरंत ये कानून वापस लेने चाहिए।
दो घंटे चला प्रदर्शन।
करीब दो घंटे चले इस प्रदर्शन के दौरान भारी पुलिस बल मंडी प्रांगण में तैनात रहा। कांग्रेसियों की पुलिस से हल्की झड़प भी हुई। दिग्विजय सिंह के प्रदर्शन स्थल से जाने के कुछ ही देर बाद कांग्रेसी भी वहां से रवाना हो गए। कांग्रेस का प्रदर्शन खत्म होते ही मंडी में सामान्य कामकाज फिर शुरू हो गया।
आम आदमी पार्टी ने भी किया प्रदर्शन।
नए कृषि कानूनों के विरोध में आम आदमी पार्टी ने भी प्रदर्शन किया। गांधी हॉल से चंद कार्यकर्ता हाथों में बैनर- पोस्टर लिए नारेबाजी करते हुए रीगल तिराहा पहुंचे और नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए उन्हें वापस लेने की मांग की। उन्होंने गांधीजी के चरणों में ज्ञापन सौंपते हुए केंद्र सरकार को सद्बुद्धि देने की भी प्रार्थना की।