इंदौर : शादी की बात से नाराज होकर अपने जीजा की हत्या करने वाले आरोपीगण को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।
इंदौर : जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि श्रीमान् राकेश कुमार ठाकुर, पच्चीसवें अपर सत्र न्यायाधीश इंदौर ने थाना परदेशीपुरा, के अपराध क्रमांक 307/2020 एवं सत्र प्रकरण क्रमांक 289/2020 में निर्णय पारित करते हुए आरोपीगण 1. मनीष पिता घनश्याम पलैईया, उम्र 23 वर्ष, 2. रजत पिता मोहनलाल पलैईया, उम्र 24 वर्ष, 3. दुर्गेश उर्फ चाउ पिता राजू पलैईया, उम्र 29 वर्ष, 4. आकाश उर्फ आशु पिता राजू पलैईया, उम्र 20 वर्ष, निवासीगण 121/2 सर्वहारा नगर, परदेशीपुरा इन्दौर, जिला इन्दौ्र को धारा 302/34 भारतीय दण्ड संहिता में आजीवन कारावास व प्रत्येक आरोपी को कुल 2000-2000/- रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक रीमा मोरे द्वारा की गयी।
ये था मामला।
अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि घटना दिनांक 04.05.2020 को फरियादी अशोक परेता ने थाना परदेशीपुरा इंदौर पर उपस्थित होकर मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह 180/2 सर्वहारा नगर, इंदौर में रहता है और ऑटो रिक्शा चलाता है। उसका छोटा लड़का लखन ए.सी. का काम करता था, इसलिए उसका कर्फ्यू पास बना हुआ था, इसलिए वह उस दिन सुबह 11:30 बजे के करीब घर से काम पर जा रहा था। जैसे ही मेरा लडका लखन हमारी गली के जितेन्द्र किराना दुकान के पास पहुँचा कि दुर्गेश उर्फ चाउ, मनीष, आकाश तथा रजत ने मेरे लडके लखन को मां-बहन की नंगी नंगी गालियाँ देकर रास्ते में रोक लिया तथा बोले कि तूने उनकी बहन मनीषा से चुपचाप शादी क्यों कर ली है आज हम तेरे को जिन्दा नहीं छोड़ेंगे।आरोपी आकाश व रजत ने पीछे से लखन को पकड़ लिया और दुर्गेश उर्फ चाउ एवं मनीष ने अपने हाथ में लिए चाकूओं से लखन पर जान से मारने की नीयत से पेट, पीठ व पसली पर वार कर दिए, जिससे लखन लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गया। वह व उसकी पत्नी निर्मला व बडा लडका विकास परेता तथा पड़ोसी राजाराम कनोजे लखन को बचाने के लिए आगे बड़े तो चारों व्यक्ति हम लोगों को देखकर चाकुओं सहित भाग गए। घटना आसपास के अन्य लोगों ने भी देखी। फिर वह अपने लड़के विकास परेता के साथ लखन को एमवायएच अस्पताल लेकर गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके लड़के की उक्त चारों लड़कों ने चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी है। फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपीगण के विरुद्ध धारा 302, धारा 341/34 भा.दं.वि. का पंजीबद्ध किया गया एवं सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्तगण को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।