बाणेश्वरी कावड़ यात्रा में झलकेगा ऑपरेशन सिंदूर का शौर्य

  
Last Updated:  July 12, 2025 " 12:04 am"

रविवार, 13 जुलाई को मरीमाता चौराहे से महेश्वर और वहां से 14 जुलाई को 180 कि.मी. लंबी पदयात्रा शुरू होगी।

इंदौर : मालवांचल की सबसे बड़ी बाणेश्वरी कावड़ यात्रा में इस बार देश के शौर्य के प्रतीक ऑपरेशन सिंदूर, लव जिहादियों से समाज को सजग करने, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा तीर्थ स्थलों पर की गई शराबबंदी, पौराणिक संदर्भों और लाड़ली बहनों एवं बेटियों के हित में बनाई गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित आकर्षक एवं मनोहारी झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेंगी।

देवी अहिल्याबाई की राजधानी रही महेश्वर नगरी से सोमवार, 14 जुलाई को करीब 5 हजार कावड़ यात्रियों के साथ महाकाल का अभिषेक करने के लिए बाणेश्वरी कावड़ यात्रा प्रारंभ होगी। इसके पूर्व रविवार 13 जुलाई को सभी कावड़ यात्री मरीमाता चौराहा इंदौर से बसों में सवार होकर दोपहर 01 बजे महेश्वर के लिए प्रस्थित होंगे। यात्रा के दौरान रात्रि विश्राम वाले स्थानों पर श्रद्धालु, भजन संकीर्तन, रामायण पाठ, पौधरोपण एवं कन्या पूजन भी करेंगे। करीब 180 किलोमीटर की यह पैदल यात्रा आठ दिनों में पूरी होगी। यात्रा का यह 23वां वर्ष है।

यात्रा संयोजक एवं विधायक गोलू शुक्ला ने बताया कि यात्रा के साथ 04 आकर्षक झांकियां भी चलेंगी। इनमें पहली झांकी भगवान विष्णु द्वारा समुद्र मंथन के पूर्व राक्षसों द्वारा विषधारी वसुक नाग को भेजने और उसे गरूड़ भगवान द्वारा बंदी बनाने की स्थिति में भगवान भोलेनाथ द्वारा छुड़ाने के दृश्यों का मनोहारी चित्रांकन किया गया है।  इस नाग को भगवान समुद्र मंथन में शामिल कर राक्षसों की योजना को विफल बना देते हैं। दूसरी झांकी ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पहलगाम की घटना का जवाब देने के लिए चलाए गए सैन्य अभियान का साहसिक वर्णन देखने को मिलेगा। यह झांकी यात्रा के महू आगमन पर हमारे सैनिकों के सम्मान में प्रदर्शित होगी। तीसरी झांकी लव जिहाद जैसे घृणित और विधर्मियों के षडयंत्र को विफल करने तथा सनातनी समाज को जागृत बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है, जिसमें दर्शाया गया है कि किस तरह लव जिहाद के नाम पर हिन्दू समाज की भोली भाली बेटियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनके साथ मानसिक और शारीरिक प्रताड़नाओं का सिलसिला चलाया जा रहा है। एक अन्य झांकी में भगवान कृष्ण की बांसुरी पर गोपेश्वर महादेव को मयूर के साथ नृत्य
करते हुए दिखाया गया है। इन चार झांकियों के अलावा यात्रा के साथ शहर के सभी प्रमुख भजन गायक विशेष वाहनों पर सवार होकर भक्तिगीतों की प्रस्तुति देते हुए बाबा महाकाल की भक्ति का अलख जगाते हुए चलेंगे।

यात्रा प्रभारी दीपेन्द्रसिंह सोलंकी ने बताया कि सभी श्रद्धालु 13 जुलाई को मरीमाता चौराहे से दोपहर 1 बजे बस द्वारा महेश्वर पहुंचेंगे। वहां से 14 जुलाई को सुबह 8 बजे कावड़ पदयात्रा का शुभारंभ होगा। महेश्वर में मां नर्मदा का दुग्धाभिषेक और चुनरी समर्पण भी किया जाएगा। यात्रा 14 जुलाई की शाम को गुजरी, 15 को मानपुर, 16 को महू,17 को इंदौर, 18 को रेवती रेंज, 19 को पंथ पिपलई और 20 को उज्जैन पहुंचेगी। रात्रि विश्राम के बाद 21 जुलाई को सुबह 4 बजे भगवान महाकालेश्वर का जलाभिषेक कर उनसे प्रदेश में सुख,शांति एवं समृद्धि की प्रार्थना की जाएगी। मार्ग में जगह-जगह सांसद, मंत्री, विधायक एवं धार्मिक-सामाजिक संगठनों की ओर से यात्रा का स्वागत भी किया जाएगा। यात्रा में करीब 05 हजार कावड़ यात्री शिरकत करेंगे।यात्रियों का पंजीयन नाममात्र के शुल्क पर किया जा रहा है। यात्रा के दौरान चाय, नाश्ता और भोजन की व्यवस्था आयोजक संस्था द्वारा की जाएगी।

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