इंदौर : अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर महू के सिमरोल क्षेत्र के दतौदा ग्राम में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें किशोरी बालिकाओं को स्वच्छता, पोषाहार और स्वास्थ्य सम्बंधी जानकारी दी गई। कार्यक्रम में उन बच्चियों को कपड़े और मास्क प्रदान किए गए जिनका 11 अक्टूबर को जन्मदिन था। साथ ही 10वीं और 12 वीं कक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुई बालिकाओं को भी पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। बालिकाओं को पाक्सो एक्ट और बाल विवाह निषेध अधिनियम की जानकारी भी दी गई।
कार्यक्रम में गांव की वरिष्ठ महिला जानकी सोनी मुख्य अतिथि थी। उन्होने बालिकाओं के साथ कार्यक्रम में मौजूद गर्भवती और धात्री महिलाओं को पोषाहार और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होने कहा कि अब आंगनवाड़ी में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं जिनका लाभ उठाना चाहिए।
सिमरोल क्षेत्र की पर्यवेक्षक माया उपाध्याय ने बताया पचास प्रतिशत से अधिक महिलाएं आज भी एनीमिया से ग्रसित हैं। जिसके कारण अनेक समस्यायें होती हैं। यदि किशोरी बालिकाओं को एनीमिया होने से बचा सकें तो मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के साथ कुपोषण जैसी समस्या से भी निजात पाई जा सकती है। क्षेत्रीय लोक सम्पर्क ब्यूरो के सहायक निदेशक मधुकर पवार ने श्रीमती उपाध्याय से आग्रह किया कि वे आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से इन दिनों कोरोना वायरस जागरूकता जन आंदोलन में कार्यकर्ताओं को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करें ताकि मास्क और दो गज की दूरी का पालन करते हुए ग्रामीण क्षेत्र कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सकें।