इंदौर : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित ‘कृष्ण लीला काव्य-रस’ कार्यक्रम में युवाओं के मार्गदर्शक एवं कवि कृष्णपाद दास ने भगवान कृष्ण की लीलाओं का काव्यमय रसस्वादन कराया।
प्रभु की भक्ति हमें भय से मुक्त करती है।
स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश द्वारा अभिनव कला समाज सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कृष्णपाद दास ने कहा कि आज के दौर में थोड़ी सी भी भक्ति हमें बड़े से बड़े भय से बचा सकती है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हम अपने जीवन में देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म एक साधारण पुरुष जैसा नहीं बल्कि दिव्य स्वरूप लिए हुए हुआ। गीता के चौथे अध्याय में श्रीकृष्ण ने कहा कि हे अर्जुन! जो मेरे आविर्भाव तथा कर्मों की दिव्य प्रकृति को जानता है, वह इस शरीर को छोडऩे पर इस भौतिक संसार में पुन: जन्म नहीं लेता, अपितु मेरे सनातन धाम को प्राप्त होता है।
कार्यक्रम के दौरान कृष्णपाद दास ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, पूतना वध, कालिया दमन और गोवर्धन लीला को काव्य पंक्तियों के माध्यम से अभिव्यक्त किया।
इनकी बानगी कुछ इस तरह से थी :-
“नंद के भवन में आनंद ऐसौ छाई रयौ,
जनम की आई बेला नंद के दुलाल की।
सबराऊ हर कोई आनंदित दीख रयौ
लीला ऐसी देखो या लाला के कमाल की।”
“जख्म सब भर जाएंगे जपो तो सही
दिन संवर जाएंगे जपो तो सही।जी
जिंदगी की इस होड़ में एक मोड़ तो लो
आनंद से भर जाएंगे जपो तो सही।”
स्वामी कृष्णपाद दास ने काव्य पंक्तियों के माध्यम से भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद के जीवन पर भी प्रकाश डाला।
अंत में विश्व प्रसिद्ध हरि नाम संकीर्तन पर सभी श्रोताओं ने नृत्य किया।
प्रारंभ में समाजसेवी पी.डी. अग्रवाल और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रदीप नायर ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत प्रवीण कुमार खारीवाल,संजीव आचार्य,आलोक वाजपेयी, आकाश चौकसे, सोनाली यादव, राकेश द्विवेदी, प्रवीण धनोतिया, मीना राणा शाह और सुदेश गुप्ता ने किया। अंत में रेखा गुप्ता ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी एवं कृष्णप्रेमी मौजूद थे।