बीजेपी के चोरी- छुपे सरकार बनाने से महाराष्ट्र में सियासी भूचाल..!

  
Last Updated:  November 23, 2019 " 01:28 pm"

इंदौर : महाराष्ट्र में रात के अंधेरे में जिसतरह बीजेपी ने सियासी शतरंज की बिसात पर चालें चलकर लगभग हारी बाजी पलट दी और अपनी सरकार बना ली उसने मुम्बई से दिल्ली तक सियासी भूचाल ला दिया है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक माह तक केवल बैठकें और चर्चा ही करतें रहें, उधर बीजेपी गुपचुप तरीके से अपनी रणनीति पर काम करती रही। एनसीपी में अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित अजित पंवार पर डोरे डालकर उन्हें बीजेपी ने कब अपने पाले में कर लिया इसकी सुगबुगाहट तक राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले चाचा शरद पंवार को नहीं लगी। शुक्रवार को आनन- फानन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया तब भी किसी को अंदेशा नहीं हुआ कि बीजेपी बड़ा दांव चल सकती है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ये मुगालता पालकर बैठ गए थे कि अब सरकार उन्हीं की बनने वाली है। शनिवार दोपहर तीनों संयुक्त बैठक करने के बाद राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले थे। राजनीति के बड़े- बड़े दिग्गज भी मानकर चल रहे थे कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाएंगे। लेकिन रातों रात बाजी पलट जाती है। सुबह उठने पर पता चलता है कि शरद पंवार के भतीजे अजित पंवार को साथ लेकर देवेंद्र फडणवीस दोबारा महाराष्ट्र के सीएम बन गए हैं और अजित पंवार डिप्टी सीएम।

शरद पंवार ने जताई अनभिज्ञता।

बीजेपी के सियासी दांव से सकते में आए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी चीफ शरद पंवार ने मीडिया के सामने आकर बीजेपी के इस कदम को अनैतिक बताते हुए लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ बताया। एनसीपी प्रमुख शरद पंवार का कहना था कि बीजेपी के साथ जाने का फैसला उनका अपना नहीं है। यह अजित पंवार का निजी फैसला है। उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं थी। शरद पंवार ने दावा किया कि बहुमत आज भी उनके साथ है। कुछ ही विधायक अजित पंवार के साथ गए थे, उनमें से भी चार विधायक वापस लौट आए हैं।

अजित पंवार ने धोखे से बुलाया विधायकों को।

एनसीपी चीफ शरद पंवार ने उन विधायकों को भी मीडिया के समक्ष पेश किया जो अजित पंवार के बुलावे पर गए थे। विधायकों का कहना था कि अजित पंवार ने विधायक धनंजय मुंडे के बंगले पर आवश्यक कार्य का कहकर सुबह- सुबह बुलाया था। बाद में उन्हें राजभवन ले जाया गया। उन्हें पता ही नहीं था कि वहां शपथ विधि हो रही है।

सुप्रिया सुले का ट्वीट अपनों ने दिया धोखा।

शरद पंवार की बेटी सुप्रिया सुले ने भी ट्वीट के जरिये अपनी पीड़ा व्यक्त की। उनका कहना था कि उन्हें भरोसा ही नहीं हो रहा है कि अपनों ( भाई अजित पंवार) से इतना बड़ा धोखा मिलेगा।

कांग्रेस ने बताया लोकतंत्र का चीरहरण।

कांग्रेस ने अलग से प्रेस वार्ता कर बीजेपी द्वारा रात के अंधेरे में महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लोकतंत्र का चीरहरण बताया। उसने राज्यपाल के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी कटघरे में खड़ा किया।

अनैतिक ही कहा जाएगा बीजेपी का कदम।

बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कितने ही तर्क दे कि उसने एनसीपी नेता अजित पंवार के समर्थन से सरकार बनाई है और उनके साथ 30 विधायक हैं पर उसके सरकार बनाने के तरीके को किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता। अगर मान भी लिया जाए कि एनसीपी में सेंध लगाकर उसने बहुमत जुटा लिया था तो फिर रात के अंधेरे में ताबड़तोड़ राष्ट्रपति शासन हटवाकर गुपचुप तरीके से सरकार बनाने की क्या जरूरत थी। क्यों नहीं विधिवत समारोह आयोजित कर सबके सामने देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ली। रातों- रात जमावट कर चोरी छुपे सरकार बना लेना ही बताता है कि दाल में काला है। हैरत की बात तो ये है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधायकों की सूची को तस्दीक किये बिना ही मान लिया कि बहुमत बीजेपी के साथ है। संवैधानिक पद का दुरुपयोग कर अपनों को किसतरह अनैतिक ढंग से सत्ता में प्रवेश दिलवाया जाता है, ये इसका उदाहरण है।

साम, दाम, दण्ड भेद के सहारे बीजेपी ने महाराष्ट्र में सत्ता तो हासिल कर ली है पर वह कितनी टिकाऊ होगी, कहा नहीं जा सकता। आनेवाला वक़्त क्या करवट लेगा इसपर अब सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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