टॉवर चौराहे से निकाली मौन रैली।
14 अगस्त 1947 को अंग्रेजों ने किया था भारत का विभाजन।
इंदौर : भारतीय जनता पार्टी इंदौर महानगर द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया गया। इस अवसर पर 14 अगस्त की शाम टॉवर चौराहा से मौन रैली निकाली गई जो सिंधी कॉलोनी स्थित स्वामी प्रीतमदास सभागृह पहुंचकर समाप्त हुई।यहां आयोजित कार्यक्रम में विभाजन का दंश झेलने वाले विस्थापित परिवार एवं विभाजन में अपनी जान गवाने वाले लोगों के परिवार के मास्टर मेलुराम एवं कल्याण दास को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कहा कि विभाजन की विभीषिका की स्मृति सभी के मन में बनी रहे इसलिए विभाजन विभीषिका का स्मृति दिवस हम मनाते हैं। 14 अगस्त एक ऐसा काला दिन है जब भारत को खंड – खंड करने के कई वर्षों से अंग्रेजी शासन के प्रयासों को पूरा किया गया। इसमें सहयोगी की भूमिका कांग्रेस और मुस्लिम लीग के साथ ही नेहरू और जिन्ना ने निभाई।इस विभीषिका के लेकर कांग्रेस ने कभी कोई बात नहीं की और ना ही अपनी जान गवाने वाले लोगों को याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर ध्यान दिया और विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का निर्णय लिया ताकि भारतवासियों को याद रहे कि दो व्यक्तियों के प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए किस तरह देश को 2 भागों में बांट दिया गया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता अजीत सिंह नारंग ने कहा कि विभाजन की विभीषिका हिंसा और नफरत का अंजाम था। यह उन गुरुओं की धरती पर हुआ जिन्होंने हमेशा प्रेम-प्यार से रहने की बात कही। इस देश का सबसे बड़ा धर्म, राजधर्म है। विभाजन के समय उसी धर्म का पालन नहीं हुआ, जिस कारण लाखों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। हजारों माता बहनों के साथ बलात्कार कर उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया।
कृष्णमुरारी मोघे ने कहा कि जो समाज इतिहास से सबक नहीं लेता वह कभी शक्तिशाली और सामर्थ्यवान नहीं हो सकता।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री तुलसी सिलावट,सांसद शंकर लालवानी, बाबू सिंह रघुवंशी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़,वरिष्ठ नेता गोपी कृष्णा नेमा, कार्यक्रम प्रभारी नारायण पटेल , सहप्रभारी गुलाब ठाकुर, सहप्रभारी पद्मा भोजे, ईश्वर हिंदूजा सहित बड़ी संख्या में विभाजन का दंश झेलने वाले परिवारजन सहित भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।