ब्रिटेन में लेबर पार्टी को प्रचंड बहुमत, कीर स्टार्मर होंगे प्रधानमंत्री

  
Last Updated:  July 7, 2024 " 12:25 pm"

लंदन : ब्रिटेन में आखिरकार 14 साल बाद सत्‍ता परिवर्तन हो गया लेबर पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है। चुनाव में भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। 650 सदस्यों वाली ब्रिटिश पार्लियामेंट में लेबर पार्टी ने 410 सीटें जीतकर प्रचंड विजय हासिल की। ऋषि सुनक की कंजरवेटिव पार्टी को केवल 121 सीटें मिल पाई। लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारमर ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे।

भारत को लेकर है उदारवादी दृष्टिकोण।

ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और उनकी लेबर पार्टी का रुख भारत के प्रति सकारात्मक है। कश्मीर मामले में उनका रुख भारत के पक्ष में है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में कीर स्टार्मर के चुने जाने के बाद भारत को प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर तेजी से काम होने की उम्‍मीद है। इस मुद्दे पर ऋषि सुनक के कार्यकाल के दौरान बातचीत धीमी गति से आगे बढ़ रही थी, अब इसकी गति तेज होने की संभावना है। भारतीय पक्ष को उम्मीद है कि 10, डाउनिंग स्ट्रीट में उनकी उपस्थिति बढ़ेगी और चरमपंथियों की कम होगी, जो तत्व भारत विरोधी प्रचार में लगे हुए हैं।

कश्‍मीर पर नरम पड़ चुके हैं लेबर पार्टी के सुर ।

लेबर पार्टी के साथ भारत के संबंधों को 2019 में एक बड़ा झटका लगा, जब पार्टी ने अपने पिछले नेता जेरेमी कॉर्बिन के नेतृत्व में कश्मीरियों के लिए आत्मनिर्णय का आह्वान किया था। जेरेमी कॉर्बिन ने यह भी मांग की थी कि भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने के बाद अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को केंद्र शासित प्रदेश में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए. हालांकि, स्टार्मर ने यूके की आधिकारिक स्थिति को साफ करते हुए बताया था कि जम्मू-कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है यानि इसमें किसी तीसरे देश को पड़ने की जरूरत नहीं है। स्टार्मर ने बाद में लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के साथ एक बैठक में भाग लेते हुए कहा, “भारत में कोई भी संवैधानिक मुद्दा भारतीय संसद का मामला है और कश्मीर भारत और पाकिस्तान के लिए एक द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे शांतिपूर्ण ढंग से हल किया जाना चाहिए.”

क्‍या सुधर रहे हैं मौजूदा पार्टी से संबंध।

लेबर पार्टी के घोषणापत्र से भारत को उम्मीद।

राजनयिक  यश सिन्हा के अनुसार “शुरुआती फोकस घरेलू मुद्दों पर होगा, लेकिन जब विदेश नीति की बात आएगी, तो भारत शीर्ष पर होगा.” एफटीए (जहां अब तक 14 दौर की वार्ता हो चुकी है और कुछ पेचीदा मुद्दे अभी भी मेज पर हैं) पर प्रमुख जोर होगा. स्टार्मर की पार्टी ने घोषणापत्र में कहा, “हम भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी की तलाश करेंगे, जिसमें मुक्त व्यापार समझौता, साथ ही सुरक्षा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग गहरा करना शामिल है.” लेकिन व्यापार विशेषज्ञ ब्रिटेन की बातचीत की रणनीति में व्यापार वीजा, सामाजिक सुरक्षा और स्कॉच पर आयात शुल्क में भारी कटौती के साथ बातचीत का फोकस देखते हैं।

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