इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि ब्लैक फंगस के प्रकरणों की जल्द पहचान के लिए प्रदेश में तत्काल व्यापक स्तर पर अभियान चलाने की आवश्यकता है। प्रत्येक वार्ड और ग्रामस्तर पर ब्लैक फंगस के प्रकरणों की पहचान के लिए आवश्यक रणनीति विकसित कर एडवाइजरी जारी की जाए। इससे ऐसे प्रकरणों में तत्काल उपचार सुनिश्चित किया जा सकेगा।
मेडिकल कॉलेजों में बनाएं विशेष वार्ड।
मुख्यमंत्री चौहान ने ब्लैक फंगस के उपचार के लिए पाँच मेडिकल कॉलेज भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर और रीवा में विशेष वार्ड बनाने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री चौहान विशेषज्ञों और ग्रुप ऑफ़ ऑफिसर के साथ कोविड नियंत्रण व स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए भविष्य की कार्य योजनाओं पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर आयोजित ‘विचार मंथन’ को अपने निवास से संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के विरुद्ध अभियान जनता के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। जिले से लेकर ग्राम स्तर तक आपदा प्रबंधन समूहों और अन्य माध्यमों से जनता के सहयोग से लड़ी गई कोविड के विरुद्ध लड़ाई में सफलता मिली है और प्रदेश में संक्रमण नियंत्रित हुआ है। इस दिशा में लम्बी लड़ाई अभी बाकी है। राज्य सरकार हर स्तर पर अपनी रणनीति में सुधार के लिए सुझाव और चर्चा को आवश्यक मानती है। मध्यप्रदेश आदर्श रूप से कोविड नियंत्रण कर सके, इस उद्देश्य से ही विशेषज्ञों और अधिकारियों की यह बैठक बुलाई गई है।
सीएम शिवराज ने आमंत्रित किए सुझाव।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विशेषज्ञों और ग्रुप ऑफ़ ऑफिसर से कोविड-19 के प्रबंधन में समाज की सहभागिता बढ़ाने, कोविड नियंत्रण के लिए आवश्यक आदतों और व्यवहार को स्थाई रूप से जीवन का हिस्सा बनाने, निजी और शासकीय अस्पतालों के बेहतर प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण, नागरिकों को स्वस्थ जीवन चर्या अपनाने के लिए प्रेरित करने, परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के विस्तार और अन्य राज्यों तथा देशों की बेस्ट प्रैक्टिसेस व उनकी प्रदेश के लिए प्रासंगिकता के संबंध में सुझाव मांगे। इसके साथ ही पोस्ट कोविड केयर की प्रक्रिया, ब्लैक फंगस की स्थिति और बचाव, कोरोना की तीसरी वेव को ध्यान में रखते हुए आवश्यक तैयारियों और कोरोना के बाद हमारा व्यवहार कैसा हो, इस संबंध में भी सुझाव आमंत्रित किए गए। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने प्रदेश में कोविड-19 के प्रबंधन पर प्रस्तुतीकरण दिया।
‘विचार मंथन’ में नीति आयोग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. के. मदन गोपाल, दिल्ली स्थित थिंक टैंक रिसर्च एण्ड इनफार्मेंशन सिस्टम इन डेव्हलपमेंट कंट्रेरीज (आरआईएस) में डायरेक्टर जनरल तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में सदस्य प्रो. सचिन चतुर्वेदी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. अभिषेक जैन, गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल की सदस्य डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव, यूनिसेफ की वंदना भाटिया, डॉ. राहुल खरे, डॉ. निशांत खरे, एम्स भोपाल के डॉ. देवाशीष विश्वास, गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉ. लोकेन्द्र दवे, डॉ. महेश माहेश्वरी, नेशनल अस्पताल के डॉ. पी.के. पाण्डे सम्मिलित हुए। चर्चा में अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, एस.एन. मिश्रा, मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मनोज गोविल, नीरज मण्डलोई, संजय दुबे, डॉ. पल्लवी जैन गोविल, प्रतीक हजेला, सचिव सुखवीर सिंह, आयुक्त जबलपुर बी.चंद्रशेखर, आयुक्त इन्दौर पवन शर्मा, कलेक्टर रीवा टी. इल्लैयाराजा, कलेक्टर बुरहानपुर प्रवीण सिंह अढायच ने अपने सुझाव रखे।