इंदौर : अक्षय तृतीया पर छत्रीबाग स्थित श्री लक्ष्मी – वेंकटेश देवस्थान में प्रभु वेंकटेश का कल्याण उत्सव भक्तिमय उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान गोविंदा गोविंदा के जयघोष से पूरा देवस्थान गूंज उठा।
भीनी भीनी इत्र की महक,फूलों से सजा प्रभु का विवाह मंडप, शहनाई की धुन,सखियों द्वारा विवाह के गीतों का मधुर गान,गोविंदा- गोविंदा के जयकारे व बाजे गाजे के साथ हाथों में भगवती के रत्न जड़ित गहने,वस्त्र,फल,व डॉयफ्रूट लेकर चलते यजमान के साथ श्रीमदजगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज भगवती श्री महालक्ष्मी के श्री विग्रह को गोद में लेकर सत्संग मंडप में पहुंचे।
बाद में प्रभु रंगनाथ की बारात मंदिर परिसर में निकाली गई। बैंड बाजे और ढोलक की गूंज पर सखियां गरबा,मटकी,रजवाड़ी पर प्रभु की बारात में झूम रहीं थी। युवा साथी बारात का स्वागत डॉयफ्रूट से कर रहे थे।भक्तों का एक बड़ा समूह वेंकटरमण गोविंदा, श्रीनिवासा गोविंदा का जयघोष करता चल रहा था।
भक्तिमय उल्लास बिखेरते बारात के सत्संग हाल में पहुंचते ही इत्र,गुलाब जल,व पुष्पों द्वारा सभी का स्वागत किया गया तोरण लगाकर प्रभु रंगनाथ ने विवाह मंडप में प्रवेश किया।
भजन गायक द्वारका मंत्री ने इस मौके पर सुरीले भजनों की गंगा बहाकर श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।हर कोई मस्त होकर अपने प्रभु के ब्याह में नाच रहा था। इस बीच वेदोक्त मंत्रोच्चार भी चल रहे थे।
देवस्थान के मीडिया प्रभारी पंकज तोतला ने बताया कि पुजारी बिहारी काका मुकुंद रामानुज दास, मनोहर शास्त्री, ,गोपाल शर्मा, विशाल पांडे ने वर पक्ष और नंदकिशोर श्रीनिवास बंग, सुनील बंग परिवार ने वधु पक्ष की ओर से संकल्प कराकर विवाह की रस्में संपन्न कराई।इसके बाद वर माला के लिए प्रभु रंगनाथ की गोदाजी को व गोदाजी की प्रभु रंगनाथ को माला धारण कराई गई। अग्नि प्रज्वलित कर सात फेरों के साथ मंगल सूत्र व मांग भराई की रस्म संपन्न कराई गई। अंत में महाआरती के साथ महोत्सव का समापन हुआ।