भोपाल : राजधानी भोपाल में कथित तौर पर लव जिहाद का मामला सामने आया है। पीड़िता सीधे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलने पहुंची और उन्हें आपबीती बताई। गृहमंत्री मिश्रा ने पीड़िता को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
युवती का आरोप है कि एक साल पहले वो एक युवक से मिली थी। युवक ने नाम बदलकर उससे दोस्ती की। उसके बाद मंदिर में जाकर शादी भी की। पीड़िता ने युवक नाम सलमान बताया है। पीड़िता को युवक का असली नाम कुछ दिनों पहले ही पता चला। जब युवक ने उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। पीड़िता का 6 महीने का बच्चा भी है.
‘आरोपी ने की बच्चे को मारने की कोशिश’
इतने समय तक कहां रहे. इस सवाल पर पीड़िता ने कहा कि शादी के बाद वो घर से बाहर रहे। लेकिन जिस स्थान पर उसे रखा गया. उसके बारे में नहीं पता। जब उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया औ उसके बेटे को मारने की कोशिश की गई, इसके बाद उसने आवाज उठाई और गृहमंत्री के पास पहुंची।
गृहमंत्री ने दिया न्याय का आश्वासन।
पीड़िता की शिकायत पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वे इस संबंध में तथ्यों की जांच कराएंगे और मामले की जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अभी तक पीड़िता की तरफ से किसी थाने में युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
कुछ दिनों पहले छिंदवाड़ा में भी आया था मामला।
लव जिहाद से जुड़ा एक मामला छिंदवाड़ा में भी सामने आया था। युवती ने धर्म विशेष के युवक पर आरोप लगाया था कि वो उसे एक साल से पीड़िता के नाम की फर्जी आईडी बनाकर सोशल मीडिया पर अश्लील पोस्ट कर रहा था। आरोपी ने पीड़िता पर धर्म परिवर्तन करके शादी का दबाव भी बनाया। आरोपी ने पीड़िता के परिवार को जान से मारने और शादी नहीं करने पर युवती पर एसिड फेंकने की धमकी भी दी थी। हालांकि इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए युवक को हिरासत में लिया था।
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 का मसौदा तैयार।
मध्यप्रदेश समेत तमाम बीजेपी शासित राज्यों में लव जिहाद का मुद्दा गरमाया हुआ है। शिवराज सरकार ने तो लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी भी कर ली है। इसके लिए मसौदा भी तैयार हो गया है। हालांकि इस कानून में सरकार ने कहीं भी लव जिहाद शब्द का उपयोग नहीं किया है। सरकार ने इसे धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 नाम दिया है।
ये होंगे धर्म स्वातंत्र्य कानून के प्रावधान।
इस प्रस्तावित कानून के तहत, मध्यप्रदेश में भी धर्म छिपाकर किसी को धोखा देकर शादी करने पर 10 साल की सजा होगी। मदद करने वाली संस्था का पंजीयन रद्द होगा। बगैर आवेदन धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु को भी 5 साल की सजा होगी। माना जा रहा कि दिसबंर के दूसरे हफ्ते में इस बिल को कैबिनेट में पेश कर मंजूरी ली जाएगी और 28 दिसंबर से शुरु हो रहे शीतकालीन सत्र में इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा।
क्या होंगे शादी के नियम ?
धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह से एक माह पहले जिला कलेक्टर कार्यालय में आवेदन करना होगा। कलेक्टर दोनों पक्षों और उनके परिजनों को नोटिस देकर तलब करेगा और उनसे लिखित बयान लिए जाएंगे की विवाह या धर्मांतरण जोर जबरदस्ती से तो नहीं किया जा रहा है। इसके बाद ही कलेक्टर द्वारा अनुमति दी जाएगी। यदि बिना आवेदन प्रस्तुत किए, किसी काजी, मौलवी या पादरी द्वारा धर्म परिवर्तन और विवाह कराया जाता है, तो ऐसे लोगों के खिलाफ पांच साल की सजा का प्रावधान किया गया है।
परिजन कर सकेंगे शिकायत।
बहला-फुसलाकर या धोखे में रखकर विवाह और धर्मांतरण कराने के मामले में पीड़ित, उसके माता-पिता और परिजन के द्वारा भी शिकायत की जा सकेगी। यह अपराध गैर जमानती होगा। इस प्रकार का धर्मांतरण या विवाह आरोपी को स्वयं ही प्रमाणित करना होगा, कि वो बगैर किसी दबाव के, बगैर किसी धमकी के, किसी लालच के बिना किया गया है। इस कानून के तहत विवाह को शून्य भी कराया जा सकेगा।