इंदौर : कोरोना वायरस के बाद अब मंकीपॉक्स दुनिया के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है। विश्व के कई देशों में फैल चुकी इस वायरस जनित बीमारी का प्रकोप अब भारत में भी पैर पसारने लगा है। मौजूदा हालात को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। इस घोषणा का मतलब है कि अब WHO मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा मानता है और इसे फैलने से रोकने और महामारी में बदलने की संभावना से बचाने के लिए समन्वित प्रयासों को जरूरी मानता है।
बता दें कि इस साल अब तक करीब 75 देशों में 16,000 से अधिक मंकी पॉक्स के केस दर्ज किए जा चुके हैं। एजेंसी के डेटा के अनुसार जून के अंत से जुलाई की शुरुआत तक पुष्ट मामलों की संख्या में 77 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने इस सप्ताह कहा कि अफ्रीका के बाहर मिले मंकीपॉक्स के 99 फीसदी मामले पुरुषों से जुड़े हैं, इसमें भी 98 फीसदी मरीज वे पुरुष हैं जो समलैंगिक हैं।
हालांकि यह रोग किसी भी उस व्यक्ति को हो सकता है, जो मंकीपॉक्स से संक्रमित रोगी से निकट शारीरिक संपर्क में आता है या उसकी इस्तेमाल की गई वस्तुओं अथवा कपड़ों का उपयोग करता है।
मंकी पॉक्स को डबल्यूएचओ ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया
Last Updated: July 24, 2022 " 11:46 am"
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