इन्दौर : कांग्रेस के विधायक संजय शुक्ला को प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट और उनके पुत्र पर मनमाने आरोप लगाना महंगा पड़ सकता है। मंत्री पुत्र चिंटू सिलावट ने एडवोकेट हर्षवर्धन शर्मा और भूपेंद्र सिंह कुशवाहा के जरिए संजय शुक्ला को पांच करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस भेज दिया है। नोटिस के जरिए शुक्ला से मांग की गई है कि वे अपने तथ्यहीन और निराधार आरोपों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे अन्यथा उनके खिलाफ न्यायालयीन कार्रवाई की जाएगी।
शुक्ला के आरोप तथ्यहीन, झूठे और घृणित।
बीजेपी नेताओं के मुताबिक निजी स्वार्थ के चलते मीडिया में वाहवाही और सुर्खिया बटोरने के लिये मनगढ़ंत व सबूत के संजय शुक्ला ने कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट एवं भाजपा की छवि धूमिल करने तथा शहर की जनता को भ्रमित कर, शहर की शांति भंग करने के उद्देश्य से मीडिया के सामने अत्यंत आपत्तिजनक एवं सरासर झूठे आरोप लगाए।
संजय शुक्ला ने मंत्री तुलसीराम सिलावट, उनके पुत्र नीतीश(चिंटू) सिलावट एवं समस्त भाजपा विधायकों व जनप्रतिनिधियों पर रेमडेसीवीर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी करने का घटिया आरोप लगाया, जो शर्मनाक है। प्रशासन द्वारा प्रतिदिन प्राप्त रेमेडिसीवीर इंजेक्शन के आवंटन की पूरी डिटेल सार्वजनिक कर दी जाती है। इसमें उन अस्पतालों के नाम भी दिए जाते हैं, जिन्हें इंजेक्शन दिए गए हैं। उक्त सूची मीडिया को भी उपलब्ध रहती है। इसके बावजूद विधायक शुक्ला का इस तरह घटिया बयानबाजी कर आरोप लगाना निंदनीय है।
बीजेपी नेताओं के अनुसार कोरोना के आपदा काल में चौबीस घंटे इंदौर की जनता की सेवा में लगे मंत्री सिलावट के बारे में शुक्ला द्वारा यह कहना कि वे चूड़ी पहनकर घर में बैठे हैं, बेहद आपत्तिजनक, घृणित एवं निन्दनीय है। इसीलिए उन्हें मंत्री पुत्र नीतीश (चिंटू) की ओर से मानहानि का नोटिस भिजवाया गया है।