इंदौर : मजदूर दिवस पर एक मई को इंदौर के व्यापार, उद्योग में श्रमिकों के योगदान को लेकर हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया। सुबह 7:00 बजे आइडियल एकेडमी के छात्र- छात्राओं एवं शिक्षकों ने चंद्रप्रभाष शेखर उद्यान से हेरिटेज वॉक की शुरुआत की। यह हेरीटेज वॉक पंढरीनाथ मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, इंद्रेश्वर महादेव मंदिर से होती हुई नई सड़क जवाहर मार्ग इमली साहब गुरुद्वारा, इंदौर बैंक राजवाड़ा से होते हुए कृष्ण पूरा छत्री पर संपन्न हुई।
इंदौर की कपड़ा मिलों के इतिहास से कराया अवगत।
इस मौके पर इंदौर के निर्माण में श्रमिकों एवं मजदूरों के योगदान पर प्रकाश डाला गया। शहर के इतिहासकार जफर अंसारी ने शिक्षकों एवं छात्रों को बताया कि इंदौर में कपड़ा मिलों की स्थापना 1866 में ₹9 लाख की लागत से महाराजा तुकोजीराव द्वितीय ने की थी।जिसे “द स्टेट मिल इंदौर” के नाम से शुरू किया गया था। यहां मिल भारतीय रियासतों मे लगाई गई पहली मिल थी। जिसे पुतलीघर भी कहा जाता था।उसमें 224 लूम थे। यह मिल 19वीं शताब्दी के अंत तक घाटे में रही, तब होलकर रियासत ने इसे ठेके पर दे दिया। 1919 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रायबहादुर सेठ कन्हैयालाल भंडारी को 20 वर्षों के लिए लीज पर दे दी गई। इंदौर की संपन्नता का आधार यह कपड़ा मिलें थी जिन्होंने कई दशकों तक इंदौर को दुनिया में पहचान दिलाई। 21 हजार से अधिक श्रमिक इंदौर की सात कपड़ा मिलों में काम करते थे, इनमें इंदौर मालवा यूनाइटेड मिल, कल्याणमल मिल, स्वदेशी मिल, राजकुमार मिल, हुकुमचंद मिल, रायबहादुर कन्हैयालाल भंडारी मिल, नंदलाल भंडारी मिल थी।
इंदौर के विकास में इन मिलो में काम करने वाले मजदूरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा था। इन श्रमिकों ने ही मिलकर इंदौर में गणेश विसर्जन चल समारोह की परंपरा शुरू की थी, जिसमें निकलने वाली झिलमिलाती झांकियां मन मोह लेती हैं।
गौरतलब है इंदौर की कपड़ा मिलों का उच्च किस्म का कपड़ा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध था। इसकी भारी मांग यूरोप के देशों के साथ खाड़ी देशों में भी थी।
इतिहासकार जफर अंसारी ने अपने संग्रह से इंदौर की मिलो में लगने वाले कपड़ों पर टैग और श्रमिकों से संबंधित रियासत काल की मूल वस्तुएं भी दिखाई।
साथ ही इंदौर के ऐतिहासिक व गौरवशाली धरोहरों के बारे में भी
छात्रों और शिक्षकों को दी।
हेरीटेज वॉक में समाजसेवी मुद्रा शास्त्री और मेजर एमके गुप्ता खास मेहमान थे। उन्होंने बच्चों को सिक्कों के बारे में रोचक जानकारी दी।
गौरतलब है कि यह हेरिटेज वॉक इंदौर स्मार्ट सिटी द्वारा बच्चों को ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जानकारी देने और उनके ऐतिहासिक महत्व को जानने के उद्देश्य से आयोजित की गई।