इंदौर : मंगलवार को मंत्री उषा ठाकुर ने पत्रकार वार्ता के दौरान मदरसों को दी जाने वाली सरकारी मदद का भी मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि मदरसों में वही सिलेबस पढाया जाना चाहिए जो सामान्य स्कूलों में पढ़ाया जाता है। बच्चों को एक जैसी शिक्षा दी जानी चाहिए। वर्तमान में मदरसों में दी जाने वाली धर्म आधारित शिक्षा कट्टरवाद को बढावा दे रही है। उषा ठाकुर ने असम का हवाला देते हुए बताया कि वहां राज्य सरकार ने ऐसे कई मदरसों को बंद कर दिया है, जहां देश विरोधी पौध पनपती थी। क्या मप्र में भी सरकार ऐसा कोई कदम उठाएगी…? इस सवाल पर उषा ठाकुर का कहना था कि इस पर विचार किया जाना चाहिए। मदरसों में मध्यान्ह भोजन को लेकर उनका कहना था कि ये जिम्मेदारी वक़्फ़ बोर्ड को उठानी चाहिए।
मन्दिरों को सरकारी नियंत्रण से किया जाए मुक्त।
उषा दीदी ने इस बात से सहमति जताई कि मन्दिरों का प्रबंधन सरकारी नियंत्रण से मुक्त होना चाहिए। उनका कहना था कि इस बारे में विचार किया जा रहा है।
शिवराज सरकार ने भरा फसल बीमा का प्रीमियम।
मंत्री उषा ठाकुर का कहना था कि कमलनाथ सरकार ने किसानों से किया कोई वादा पूरा नहीं किया। यहां तक कि किसानों की फसल के बीमा प्रीमियम की राशि भी शिवराज सरकार ने भरी। किसानों की खराब फसलों के मुआवजे को लेकर उनका कहना था कि सीएम शिवराज ने सीधे किसानों के खाते में राहत राशि डाली है। फसल बीमा के जरिए भी उन्हें नुकसानी का मुआवजा मिल सकेगा।