नई पीढ़ी को सिखाना चाहती हैं रिवर्स सिंगिंग।
इंदौर : “हर कलाकार को अपनी कला को लगातार प्रयास से हर संभव मंच पर आगे बढ़ाना चाहिए। एकाध शो करके या कुछ समय तक लगे रहने के बाद पीछे हट जाना ठीक नहीं है।“ ये बात रिवर्स सिंगिंग की विधा में अपना मुकाम बना चुकी मुंबई की कलाकार मधु लखोटिया ने अभिनव कला समाज में आयोजित टॉक शो में बहुविध संस्कृतिकर्मी आलोक बाजपेयी से बातचीत में कही।
सुश्री लखोटिया गीत के शब्दों को उलटकर गाने की कला को गॉड गिफ्ट मानती हैं। उन्होंने बचपन में ही अनायास गीतों को उल्टा गाना प्रारम्भ किया और आज तक ये क्रम जारी है। उन्होंने इस सफ़र में अनेक रिकॉर्ड बुक्स में स्थान बनाया, टैलेंट शोज और टीवी शोज में हिस्सा लिया और कई दिग्गज कलाकारों को अपना मुरीद बनाया। वे अपनी सफलता के पीछे लगातार प्रयास करते रहने को बड़ा कारण मानती हैं। उन्होंने नए कलाकारों को सुझाव दिया कि वे सकारात्मक भाव के साथ अपनी विधा में बढ़ने का निरंतर प्रयास करें।
मधु लखोटिया ने बताया कि उन्हें कलाकारों का बहुत प्रोत्साहन और तारीफ़ मिली और कई यादगार कॉम्प्लीमेंट्स मिले। हिंदी में सफलता के बाद उन्होंने एक टीवी चैनल के अनुरोध पर आठ भारतीय भाषाओं में रिवर्स सिंगिंग की। आगामी योजनाओं के संदर्भ में उन्होंने बताया कि वे इस विधा को आगे बढ़ाना और नई पीढ़ी को सिखाना चाहती हैं, जिसके लिए वे वर्कशॉप्स भी आयोजित करने को तैयार हैं। वे गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराने के लिए प्रयासरत हैं और इंडियन आइडल में हिस्सेदारी करना चाहती हैं। कार्यक्रम के अंतिम हिस्से में मधु लखोटिया ने टॉक शो का संचालन कर रहे गायक, बांसुरी वादक आलोक बाजपेयी के साथ जुगलबंदी की, जिसमें बाजपेयी ने कुछ प्रसिद्ध गीत सामान्य या सीधी गायकी के साथ प्रस्तुत किए। मधु लखोटिया ने उन्हें तत्काल रिवर्स सिंगिंग या उल्टे गायन से पेश कर दिया। इस लाइव प्रस्तुति के हर गीत को दर्शकों की जमकर दाद मिली। उन्होंने बताया कि वे भजनों को उल्टा नहीं गाती हैं।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अभिनव कला समाज के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, कोषाध्यक्ष कमल कुमार कस्तूरी एवं कार्यकारिणी सदस्य सोनाली यादव ने मधु लखोटिया का स्वागत किया। अंत में प्रवीण धनोतिया ने आभार व्यक्त किया।