इंदौर: इसे इत्तफाक कहें या शास्त्रीय संगीत का असर, गुनिजान संगीत समारोह के पहले दिन जैसे ही अमेरिका से आए मनु श्रीवास्तव ने बंदिश ‘बिजुरी चमके’ गाना शुरू किया, जाल सभागृह की लाइट गुल हो गई। हालांकि मनु ने गाना जारी रखा और श्रोता भी तल्लीन होकर सुनते रहे। थोड़ी देर बाद हाल फिर प्रकाशवान हो गया। मनु श्रीवास्तव की ये बंदिश राग शहाना मध्यलय त्रिताल में निबद्ध थी।
इसके पूर्व मनु ने अपने गायन की शुरुआत राग जैतश्री से की। यह राग गाया कम बजाया ज्यादा जाता है। बंदिश के बोल थे ‘जब ते सपने में’ । इसी राग में मनु ने ‘सकल गुन’ राम रंग की बंदिश गाई। अपने सुरीले गायन का समापन आपने कबीर के निर्गुण भजन ‘घट- घट में पंछी बोलता है से किया। मनु के साथ तबले पर तेजोवृष जोशी और हारमोनियम पर डॉ. विवेक बंसोड़ ने सुयोग्य संगत की। तानपुरे पर जया काले और पूर्वा शर्मा ने साथ निभाया।
संगीत सभा का दूसरा सत्र अनुपमा भागवत के नाम रहा। उन्होंने कमाल का सितार वादन पेश किया। सितार के तारों पर उनके हाथों की उंगलियां जिस तेजी से चल रहीं थी तारों से निकलती झंकार उतने ही सुमधुर ढंग से श्रोताओं के कानों को तक पहुंच रही थी। राग झिंझोटी में आलाप, जोड़, झाला पेश करने के बाद अनुपमा ने राग बहार में द्रुत गत की बानगी पेश की।
आपके साथ तबले पर संगत कर रहे थे रामेंद्र सिंह सोलंकी।
कार्यक्रम के मध्यांतर में ख्यात गायिका कल्पना झोकरकर और वॉयलिन वादक कमल काम्बले का अण्णा महाराज के हाथों शॉल- श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया।
पंचम निषाद संगीत संस्थान द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित इस दो दिवसीय गुनिजान संगीत समारोह का औपचारिक शुभारंभ बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सहायक महाप्रबंधक श्री बर्वे, इंदौर प्रेस क्लब के महासचिव नवनीत शुक्ला और उद्योगपति पारस दोषी ने पंडित सीआर व्यास के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस मौके पर पंचम निषाद के नन्हें कलाकारों ने भी सरस्वती वंदना पेश करने के बाद राग यमन में एक बंदिश गाई।
आयोजकों की ओर से अतिथियों और मेहमान कलाकारों का स्वागत श्रीमती शोभा चौधरी और भालू मोंढे ने किया। कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन विद्याधर मुले ने किया।
मनु के गायन और अनुपमा के सितार ने जीता श्रोताओं का दिल
Last Updated: February 2, 2019 " 06:15 pm"
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