केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने किया प्रयोगशाला का शुभारंभ।
वायरल लोड जांच के लिए देश के पहले कोबाल्ट 5800 सिस्टम का एम्स भोपाल में हुआ वर्चुअल लोकार्पण।
ड्रोन के प्रयोग से दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाई जाएगी दवाइयां।
इंदौर : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इंदौर के जीपीओ चौराहे पर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) उप क्षेत्रीय कार्यालय और केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। यह देश की आठवीं और प्रदेश की पहली केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल, सांसद शंकर लालवानी, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया राजीव सिंह रघुवंशी, एम्स भोपाल के सीईओ अजय सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वर्चुअल रूप से एम्स भोपाल में 5 आधुनिक सुविधाओं का लोकार्पण किया। जिन सुविधाओं का लोकार्पण किया गया उनमें शामिल है – 2.7 करोड रुपए की लागत से बना डेक्सा स्कैन जिससे हड्डियों का घनित्व नापा जा सकेगा, 1.67 करोड रुपए की लागत से बना कोबाल्ट 5800 सिस्टम जिससे वायरल लोड को जांच सकेंगे, 2 करोड़ की लागत से बना ट्रॉमा और इमरजेंसी ऑपरेशन थियेटर कॉम्प्लेक्स, ड्रोन स्टेशन जिससे आदिवासी क्षेत्रों तक दवाइयां पहुंचाई जा सकेगी, 2 करोड रुपए की लागत से बना प्राइवेट वार्ड कॉम्प्लेक्स जिसमें 16 कमरे हैं जिनके माध्यम से आम जनता तक सारी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकेंगी और 4 करोड़ की लागत से बना जिम कॉम्प्लेक्स।फार्मा हब के रूप में विकसित हो रहा है इंदौर।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि यह प्रयोगशाला देश की आठवीं और प्रदेश की पहली केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला है। उन्होंने कहा कि इस प्रयोगशाला के माध्यम से निर्मित की जा रही दवाइयों का मानक सुनिश्चित करने में आसानी होगी। अब मध्यप्रदेश की फार्मास्यूटिकल कंपनियों को भारत सरकार के अप्रूवल के लिए दिल्ली नहीं आना पड़ेगा बल्कि वे इंदौर से ही अपनी एप्लीकेशन जमा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इंदौर फार्मास्यूटिकल हब के रूप में विकसित हो रहा है। यहां पर मेडिकल डिवाइस पार्क का भी निर्माण हो रहा है। यह प्रयोगशाला इन सभी चीजों के लिए बहु उपयोगी रहेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि एम्स में भी पांच प्रकल्पों का लोकार्पण किया गया। विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान हम खेतों में ड्रोन का उपयोग तो देख ही रहे हैं, लेकिन अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है। यह स्वास्थ्य एवं कृषि क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा परिवर्तन है। ड्रोन के माध्यम से हम न केवल दूरस्थ क्षेत्रों तक दवाइयां पहुंचा सकेंगे। आपातकालीन स्थिति में रक्त पहुंचाना, ब्लड सैंपल लेना एवं ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन भी किया जा सकेगा। यह सब दर्शा रहा है कि मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि आज ही उज्जैन से प्रदेश के लिए 178 करोड रुपए की लागत की 174 अलग-अलग स्वास्थ्य सुविधाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ है। प्रदेश में स्वास्थ्य का क्षेत्र तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। जनकल्याण के लिए आने वाले समय में इस क्षेत्र में अन्य तरह की सुविधाएं एवं निवेश किए जाएंगे। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में फार्मास्यूटिकल कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए प्रॉपर इकोसिस्टम का निर्माण सही शब्दों में आज हुआ है। यह प्रयोगशाला न केवल जनकल्याण के लिए लाभकारी है बल्कि फार्मा कंपनियों की स्थापना में भी यह सहायक रहेगी। केंद्र सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन की अगुवाई में हम स्वास्थ्य क्षेत्र में नई-नई उपलब्धियां प्राप्त कर रहे हैं। आज प्रदेश के हर जिला अस्पताल में सीटी स्कैन से लेकर एमआरआई तक की सुविधा उपलब्ध है। स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति आ रही है।