भोपाल : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मप्र राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। बताया जा रहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग कभी भी चुनाव की घोषणा कर सकता है।
नगरीय निकाय चुनाव 2 और पंचायत चुनाव 3 चरणों में होंगे।
नगरीय निकायों के चुनाव में ईव्हीएम और त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव में मतपत्र और मतपेटियों का उपयोग किया जाएगा। पंचायतों का चुनाव भी ईव्हीएम से करवाने पर 3 माह से अधिक समय लगेगा, क्योंकि ईव्हीएम की संख्या सीमित है। इसलिए मतपेटियों के माध्यम से पंचायतों का चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने यह बात कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा के दौरान कही। इस वीडियो कान्फ्रेंसिंग में इंदौर से कलेक्टर मनीष सिंह व उप जिला निर्वाचन अधिकारी प्रतुलचन्द्र सिन्हा शामिल हुए।
नगरीय निकाय 2 चरणों में और पंचायत चुनाव 3 चरणों में होंगे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने कहा कि नगरीय निकायों के चुनाव 2 चरणों में और पंचायतों के चुनाव 3 चरणों में करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों चुनाव साथ में कराना है, इसलिए ऐसी तैयारी करें कि किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सिंह ने कहा कि कोई भी समस्या हो, तो मुझे अथवा सचिव राज्य निर्वाचन आयोग को तुरंत बताएँ। उन्होंने कहा कि संवेदनशील और अति-संवेदनशील मतदान केन्द्रों की समीक्षा कर जानकारी जल्द आयोग को उपलब्ध कराएँ।
निर्वाचन प्रक्रिया में सूचना प्रोद्योगिकी का समूचित उपयोग करें। नगरीय निकाय निर्वाचन के लिये चुनाव मोबाइल एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करें।
संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
बीपी सिंह ने कहा कि नवीन प्रावधानों के अनुरूप पार्षदों के निर्वाचन व्यय का लेखा संधारण व्यवस्थित रूप से करवाएँ। उन्होंने कहा कि रिजर्व ईव्हीएम सुरक्षित तरीके से निर्धारित स्थानों पर ही रखवाएँ। सभी कलेक्टर्स चुनाव सामग्री की उपलब्धता की समीक्षा कर लें। मतदान पेटी का मेंटेनेंस करवा लें। मतपत्र मुद्रण के लिये सभी तैयारियाँ पहले से कर लें।
रिटर्निंग व सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की करें नियुक्ति।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने कहा कि रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति कर आयोग को सूचित करें। जिम्मेदार अधिकारियों से मतदान केन्द्रों का सत्यापन कराएँ और आवश्यकता अनुसार उनकी मरम्मत करवा लें। राजनैतिक दलों के साथ समय-समय पर बैठक आयोजित करें। मतगणना स्थल का निर्धारण कर आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें। जिला, नगरीय निकाय एवं ब्लाक स्तर पर ट्रेनिंग के लिए मास्टर ट्रेनर्स का चयन कर लें।
बैठक में ईव्हीएम, सूचना प्रोद्योगिकी, सामग्री प्रबंधन और प्रशिक्षण के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी गई। जिला निर्वाचन अधिकारियों की शंकाओं का समाधान भी किया गया।