मनोहारी पुष्प बंगले की छटा निहारने के लिए लगी श्रद्धालुओं की लंबी कतारें।
यमुना में नौका विहार करते नजर आए प्रभु वेंकटेश।
देश की तीसरी सबसे बड़ी परम्परागत रथयात्रा 20 जुन को श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान से निकलेगी।
इंदौर : पावन सिद्ध धाम श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में चल रहे ब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव में सोमवार को छठे दिन दिव्य पुष्प बंगला सजाया गया। नयनाभिराम पुष्प बंगले में प्रभु वैंकटेश के मनोहारी दर्शन भक्तों को हुए।
मयूर महल के रूप में सजाया गया पुष्प बंगला।
बालकिशन सिंगी, हर्ष पसारी, संदीप ढोली,आशीष लड्डा सुमित मालू नीलेश तोतला ,राम सोमानी,गोविंद झंवर, रितेश तोतला, शारद पसारी, मधु मुछाल, रवि सिंगी, अशोक डागा, ब्रजेश सुनील राठी ने बताया कि
पुष्प बंगला यमुना नदी के
किनारे मयूर महल के रूप में सुशोभित किया गया जिसमें अनेक मयूर द्वार बनाए गए। इसी के साथ यमुना में नौका विहार करते श्रीदेवी, भू देवी, रामानुज स्वामी, गोदा अम्बा और स्वयं श्रीहरि नारायण नौका विहार करते नजर आए।
वृंदावन के कलाकारों को मिला इंदौर के कलाकारों का साथ।
पुष्प बंगले के निर्माण में वृन्दावन के 50 कारीगर जुटे हुए थे। उनका सहयोग इंदौर के कलाकारों ने किया। हैदराबाद से माला बनवाई गई। कई क्विंटल केले के तने से संगमरमर की तर्ज पर दीवारों का निर्माण किया गया। इस बार बेंगलुरू से कनेर की माला मंगवा कर चस (बार्डर ) से सुसज्जित किया गया वहीं हम्पी (कर्नाटक)के मंदिर में बने हुए म्यूजिकल स्तंभों से प्रेरित होकर फूलों के स्तम्भो का निर्माण किया गया।
विभिन्न तरह के फूलों का किया गया उपयोग।
इस वर्ष यह दिव्य पुष्प बंगला
45 × 20 वर्ग फिट में तैयार किया गया है।
मोगरा 1000 किलो,गुलाब 100 किलो,कनेर 150 किलो, जूही 150 किलो, रजनीगंधा 300 किलो, पुणे गुलाब
की झुमकिया 1000,
500 किलो मोगरा,300 किलो गुलाब,150 जूही,150 चंपा,150 सेवंती,
300 रजनीगंधा सहित अनेक प्रकार के पुष्पों से बने छत्र, उनके ऊपर केले के तने से शोभित कलाकृतियां, रजनीगंधा व गुलाब के पुष्पों की हजारों झुमकियों के साथ संगमरमर के फर्श पर निर्मित पुष्पों की आकृतियां अदभुत नजारा पेश कर रहीं थीं।
भगवान के साथ भक्तों का भी पुष्पों से बनी गुफा में स्वागत किया गया। हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने नयनाभिराम पुष्प बंगले में विराजित प्रभु श्री वेंकटेश के दर्शन किए और पुण्य लाभ लिया।
भव्य, सजेधजे सिंहासन पर
श्रीमद्जगतगुरु रामानुजाचार्य नागोरिया पीठाधिपति स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज विराजमान होकर सभी भक्तों को आर्शीवाद प्रदान कर रहे थे। हर भक्त भगवान और गुरुदेव से मिलने को उत्सुक नजर आ रहा था।
गोवत्सल राधाकृष्ण महाराज के साथ भजन गायक राजेश सांखला सुरीले भजन पेश कर भक्तिमय उल्लास को परवान चढ़ा रहे थे।
प्रणय – कलह लीला का आयोजन।
इसके पूर्व सुबह के सत्र में प्रणय- कलह लीला का आयोजन किया गया जिसमें भगवान रंगनाथ, श्री देवी भूदेवी संग प्रेम और कलह की लीला के दर्शन करवा रहे थे। इस अद्भुत लीला में रंग,गुलाल भी उड़ाया गया। प्रभु के प्रेम रस में भक्त रंगकर झूमते रहे।
रथयात्रा 20 जून को श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान से निकलेगी।
प्रचार प्रमुख पंकज तोतला ने बताया कि ब्रह्मोत्सव के अंतिम दिन प्रभु वेंकटेश की भव्य रथयात्रा मंदिर परिसर से निकाली जाएगी। सुंदर व भव्य स्वरूप में रथयात्रा निकले, इसकी जिम्मेदारी पवन व्यास,गिरीश जाखेटिया, रजत बेडिया, अंकित सोनी, आशीष बाहेती को दी गई।
रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे भगवान वेंकटेश।
इंदौर पावन सिद्धधाम श्रीलक्ष्मी – वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग से देश की तीसरी सबसे बड़ी रथयात्रा 20 जून को शाम 4 बजे निकलेगी। इस रथयात्रा में जनसैलाब प्रभु के दिव्य दर्शन करने उमड़ेगा।
ये रहेगा रथयात्रा का मार्ग :-
रथयात्रा छत्रीबाग से प्रारंभ होकर नरसिंह बाज़ार, सीतलामाता बाज़ार, गोराकुंड चौराहा,शक्कर बाज़ार, बड़ा सराफा, पीपली बाज़ार, बर्तन बाज़ार, बजाज खाना, सांठा बाजार से होते हुए पुनः मदिर पर आकर समाप्त होगी। मार्ग में करीब 300 स्थानों पर मंचों से पुष्पवर्षा कर इस यात्रा का स्वागत किया जाएगा। अनेक जगह प्रसाद का वितरण भी होगा।इस यात्रा में 200 कार्यकर्ता वाकी टाकी के साथ वाट्सअप पर व ग्रीन-रेड लाइट लगातार जानकारी अपडेट कर व्यवस्था को संभालेंगे।
रथयात्रा के ख़ास आकर्षण।
यात्रा में स्वच्छता, गौमाता,शबरी ओर रामजी के वृतांत पर आधारित झांकी, कमल के पुष्प पर विराजमान रामानुज स्वामी, गीता सार के साथ ही अनेक झांकियों का कारवां शामिल होगा।
मुम्बई का ढोल – ताशा पथक देगा प्रस्तुति।
रथयात्रा में मुंबई से आए 80 लड़के – लड़कियों का ढोल – ताशा समूह पूरे मार्ग पर विशेष प्रस्तुति देगा।
रामानुज स्वामी द्वारा दिए गए उपदेशों की दिखेगी झलक।
रथयात्रा में रामानुज स्वामी की झांकिया सभी भक्तों को रामानुज संप्रदाय के सिद्धान्त और उनके द्वारा किए कार्यो से परिचित करवाएगी।
विशेष रूप से लिक्विटी ऑफ स्टैच्यू हैदराबाद, जहां रामानुज स्वामी के भव्य विग्रह का निर्माण किया गया है, जिसका अनावरण हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने किया उसी पर आधारित लाइव झांकी के दर्शन भक्तों को होंगे।
शहर के प्रसिद्ध बैंड बाजों के साथ 21 घोड़ो पर भगवा ध्वज पताका लिए युवा संवार होंगे। बच्चों को विभिन स्वरूपों में तैयार कर बग्गी में बिठाया जाएगा। इसके पीछे रजत के ठाकुरजी की सवारी के वाहन के रूप में गरुड़ वाहन,हनुमान वाहन, अश्व वाहन,गज वाहन, मंगलगिरी होंगे। इन वाहनों पर ठाकुरजी के चित्र विराजित रहेंगे।
21 बग्गियों में देश भर से दिव्य देशो से पधारे संतगण आसीन रहेंगे।
रथयात्रा में द्वारका मंत्री की भजन मंडली भजनों की रस गंगा प्रवाहित करती चलेगी।
श्री मद्जगतगुरु रामानुजाचार्य नागोरिया पीठाधिपति स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज भक्तों को आशीर्वाद देते रथयात्रा मार्ग में पेदल चलेंगे।
दिव्य चांदी के रथ पर विराजमान होंगे प्रभु वेंकटेश।
दिव्य चांदी के रथ पर प्रभु वेंकटेश विरजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। सभी भक्त अपने हाथों से रथ खीचेंगे।
इसके पूर्व 20 जून को प्रातः 9 30 बजे से देवस्थान में गौ अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान मुम्बई की भजन गायिका अंजली जाजू के भजन होंगे।