कैलाश विजयवर्गीय सहित कई राजनेताओं ने उठाया पारम्परिक खेलों का आनंद।
रंग बिरंगी पतंगों से समूचा आसमान हुआ सतरंगी।
इंदौर : मकर संक्रांति का पर्व पूरे इंदौर शहर में धूमधाम से मनाया गया लेकिन इंदौर के पश्चिम क्षेत्र का माहौल कुछ अलग था। महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा मकर सक्रांति पर्व पर मित्र संक्रान्ति महोत्सव का आयोजन दशहरा मैदान पर किया गया। इस मेले में इतनी भीड़ उमड़ी की मैदान में पैर रखने की जगह नहीं बची। परिवार सहित शहरभर से पहुंचे लोग इस उल्लास मय महोत्सव में भागीदार बने और पतंगबाजी के साथ उन पारम्परिक खेलों का आनंद लिया जिन्हें वे अपने बचपन में गली – मोहल्लों में खेला करते थे। उन्होंने अपने बच्चों को भी इन पारंपरिक खेलों से परिचित करवाया।
सूर्य के उत्तरायण होने और धनु से मकर राशि में प्रवेश करने के पर्व मकर संक्रांति पर उत्साह और उमंग का सिलसिला शाम ढलने तक जारी रहा। दशहरा मैदान पर संपन्न हुए इस मित्र संक्रांति महोत्सव में परंपरागत पतंगबाज़ी, गुल्ली-डंडा, सितोलिया, मटकी फोड़ ,चेयर रेस, रस्साखेंच, नींबू रेस जैसे अनेक खेलों का आयोजन किया गया। रंग बिरंगी पतंगों से तो जैसे पूरा आसमान ही सतरंगी हो गया था।
आम हो या खास, सभी इस मित्र संक्रांति महोत्सव में शिरकत कर खुशी महसूस कर रहे थे। यहां बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पतंगबाज़ी करते नज़र आए तो वहीं महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पतंगबाज़ी के साथ कबड्डी और गिल्ली-डंडा में भी हाथ आज़माए। बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी पारम्परिक खेलों का खूब लुत्फ़ उठाया। नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे रस्साखेंच में जोर आज़माइश करते हुए दिखे। गोपीकृष्ण नेमा, सुदर्शन गुप्ता, भरत रघुवंशी, अभिषेक बबलू शर्मा आदिवासी नृत्य पर थिरकते नजर आए। जीतू जिराती, गोलू शुक्ला और एकलव्य गौड़ भी आयोजन में शामिल हुए। महिला नेत्रियां भी पीछे नहीं रहीं। सभी अलग-अलग खेलों में भागीदारी करती नजर आई।
प्रारंभ में बटुकों द्वारा शंखनाद और मंत्र उच्चारण किया गया, जिसमें कैलाश विजयवर्गीय ने शिरकत की और महापौर के साथ आयोजन का शुभारंभ किया। महापौर ने सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं। जिसके बाद विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। जिसमें पंजाबी, गुजराती, मराठी, सिंधी, बंगाली, राजस्थानी, आदिवासी समाज से जुडी़ कई मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी गईं। वहीं महिलाओं ने हल्दी-कुमकुम कार्यक्रम भी आयोजित किया।
महोत्सव स्थल पर सेल्फी पॉइंट बनाने के साथ खाने-पीने के नि:शुल्क स्टॉल लगाए गए थे, वहीं पेयजल की भी समुचित व्यवस्था की गई थी।