विधानसभा चुनाव में 80 फीसदी सीटों पर महायुति के उम्मीदवारों ने दर्ज की जीत।
सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी।
बंपर जीत के बावजूद सीएम पद को लेकर फंसा पेंच।
मुंबई : यूपी के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बीजेपी, शिवसेना शिंदे और अजीत पंवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की महायुति को जबरदस्त सफलता मिली है। महायुति के घटक दलों ने कुल मिलाकर विधानसभा की 80 फीसदी सीटों पर विजय हासिल की है। प्रतिद्वंदी महाविकास आघाड़ी का एक तरह से सफाया हो गया है। आघाड़ी में शिवसेना उद्धव, कांग्रेस और शरद पंवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल थे। मप्र की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी लागू की गई लाड़की बहीण (लाडली बहना) योजना और बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। जैसे नारों से बीजेपी और महायुति के सहयोगी दलों को जबरदस्त फायदा पहुंचाया। बीजेपी ने अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन महाराष्ट्र में करते हुए सबसे बड़ी पार्टी होने का गौरव प्राप्त किया। महंगाई, बेरोजगारी, जातिगत जनगणना सहित महविकास आघाड़ी के तमाम मुद्दे बेअसर साबित हुए।
ये रहे रिजल्ट/ रुझान :-
महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीटों के लिए हुए चुनाव में महायुति को 230 सीटों पर जीत हासिल हुई। इनमें बीजेपी को 132, शिवसेना शिंदे को 57 और एनसीपी अजीत पंवार को 40 सीटें मिली। प्रतिद्वंदी महाविकास आघाड़ी का सूपड़ा साफ हो गया। उसे केवल 48 सीटें नसीब हुई। इनमें शिवसेना उद्धव को 20, कांग्रेस को 16, एनसीपी शरद पंवार को 10 और समाजवादी पार्टी को 02 सीटों पर विजय मिली। अन्य के खाते में 10 सीटें आई।
सीएम पद को लेकर फंसा पेंच।
महायुति को मिली बंपर सफलता में बीजेपी भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो, पर सीएम का पद उसकी झोली में आएगा, इसे लेकर संशय है। वर्तमान सीएम और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उनका कहना था कि हम लोग बैठकर सीएम पद पर फैसला कर लेंगे। उन्होंने बीजेपी का नाम लिए बगैर कहा कि ज्यादा सीट जीतने का मतलब सीएम नहीं है।
शिंदे ने कहा कि राज्य के तमाम मतदाताओं को मैं घन्यवाद देता हूं। हमारी बहन, बेटी,किसान भाई और वरिष्ठ नागरिकों को मैं घन्यवाद देता हूं। मौके की नजाकत को भांपते हुए बीजेपी भी सीएम पद को लेकर ज्यादा खींचतान के मूड में नहीं है, ऐसे में एकनाथ शिंदे के ही पुनः सीएम बनने के आसार बढ़ गए हैं।