अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष।
अभावों के बीच संघर्ष करते हुए अपना लक्ष्य तय कर उसे हासिल करने के लिए जुट जाना ही असली योद्धा की पहचान होती है। जीवन के हर क्षेत्र में यह बात लागू होती है। यह संघर्ष उससमय और कठिनाई भरा होता है, जब कोई लड़की अपने सपने को पूरा करना चाहे पर घर की माली हालत उसे इस बात की इजाजत न दें, पर कहते हैं न कि लक्ष्य के प्रति जोश, जज्बा, जिद, जुनून और समर्पण हो तो हर बाधा पार की जा सकती है। इंदौर की युवा रंगोली कलाकार वर्षा सिरसिया इस बात का उदाहरण है। जिंदगी के तमाम संघर्षों का सामना करते हुए वर्षा ने पोर्ट्रेट रंगोली में अपना खास मुकाम बनाया है। विशालकाय रंगोली बनाने में सिद्धस्त वर्षा को कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी उसका नाम दर्ज किया गया है।
पिता का साया उठने के बाद मां ने किया प्रेरित।
वर्षा के पिता नगर निगम में कार्यरत थे। बचपन में उनका साया सिर से उठने के बाद मां ने वर्षा को आगे बढ़ने और उसके सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। पिता की कही बात कि ‘प्रयास करते रहें, एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी’ को वर्षा ने गांठ बांध लिया। मां का साथ मिला तो अभावों के बीच भो वर्षा के अंदर कुलबुला रहा कलाकार जाग उठा। पार्वती नंदन श्री गणेश की अनन्य भक्त वर्षा का छोटी उम्र से ही रंगोली बनाने का शौक कब जुनून में बदल गया, उसे पता ही नहीं चला। जहां और जब भी अवसर मिलता, वर्षा अपनी रंगोली कला का प्रदर्शन करने में पीछे नहीं रहती। यही कारण रहा कि रंगोली कलाकार के रूप में उसकी पहचान बनने लगी।
पुलवामा अटैक की बरसी पर बनाई रंगोली ने दिलाया खास मुकाम।
यूं तो वर्षा बचपन से ही खूबसूरत पोर्ट्रेट रंगोलियों को आकार देती रही हैं। कई पुरस्कार भी उन्हें मिले हैं, पर पुलवामा हमले की पहली बरसी पर 14 फरवरी 2020 को शहीद 44 सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाई गई रंगोली ने उन्हें विशिष्ट पहचान दी। क्रिश्चियन कॉलेज के सभागार में 3000 हजार स्क्वेयर फ़ीट की इस पेट्रियोटिक पोर्ट्रेट रंगोली के के लिए वर्षा का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। हाल ही में वर्षा ने गांधी हॉल में 4500 स्क्वेयर फ़ीट की रंगोली बनाकर अपना ही पुराना रिकॉर्ड तोड़ा।
विशिष्टजनों और कद्रदानों की मिली सराहना।
वर्षा की रंगोली कला से प्रभावित होकर सीएम शिवराज सिंह, संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, विधायक आकाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला, गौरव रणदिवे सहित अन्य नेता और वरिष्ठजन उनकी हौसला- अफजाई कर चुके हैं। कला के कद्रदानों ने भी वर्षा की पोर्ट्रेट रंगोली की सराहना की है।
कई अवार्ड कर चुकी है अपने नाम।
वर्षा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने के साथ
कई अवार्ड भी अपने नाम कर चुकी है। अपने हुनर की बदौलत्व अबतक 7 गोल्ड मैडल उसे मिल चुके हैं।हाल ही में दुबई की एक संस्था ने भी साढ़े चार हजार स्क्वेयर फ़ीट की रंगोली बनाने पर वर्षा को सम्मानित करने का ऐलान किया है।
गोल्डी मसाले के ऑडिशन में टॉप 15 में बनाई थी जगह।
वर्षा ने गोल्डी मसाले के विज्ञापन में काम करने के लिए ऑडिशन दिया था। उन्होंने हजारों प्रतिस्पर्धियों के बीच टॉप 15 में अपनी जगह बनाई थी।
अन्य विधाओं में भी दक्ष है वर्षा।
वर्षा सिरसिया पोर्ट्रेट रंगोली आर्टिस्ट होने के साथ फैशन डिजाइनिंग, फैंसी आर्ट, फाइन आर्ट और ब्यूटीशियन के रूप में भी अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ चुकी हैं।
रंगोली अब रोजगार का भी माध्यम।
वर्षा का कहना है कि रंगोली भी अब आय का स्रोत बन गई है।पहले सिर्फ फेस्टिवल के लिए रंगोली बनवाने का प्रचलन था, लेकिन अब खुशी के अवसरों पर भी लोग रंगोली सजाने की डिमांड करने लगे हैं।
रेस्टोरेंट खोलने की है चाहत।
वर्षा रंगोली को अपना पैशन बनाए रखना चाहती हैं पर इसी के साथ नई- नई डिश बनाना भी उन्हें अच्छा लगता है। वे भविष्य में मास्टर शेफ बनकर एक रेस्टोरेंट खोलना चाहती हैं ताकि गरीब वर्ग भी न्यूनतम कीमत पर लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठा सकें।
अपनी कला को बाहर आने दीजिए।
वर्षा का युवाओं, खासकर लड़कियों से कहना है कि वे अपनी प्रतिभा को छुपाए नहीं उसे बाहर आने दें। जितना वे प्रयास करेंगी, उनकी प्रतिभा निखरकर सामने आएगी।
*राजेन्द्र कोपरगांवकर*