इंदौर: कांग्रेस के पार्षद मुबारिक मंसूरी द्वारा निगमकर्मी उमेश प्रजापत के साथ की गई मारपीट का मामला तूल पकड़ गया है। बीजेपी पार्षद दल ने आरोपी कांग्रेसी पार्षद की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कमलनाथ सरकार पर उसे बचाने का आरोप लगाया है।
एसएसपी को सौपा ज्ञापन।
बीजेपी के पार्षद शनिवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे और एसएसपी रुचि वर्धन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के जरिये कांग्रेस के आरोपी पार्षद मुबारिक मंसूरी की तुरन्त गिरफ्तारी की मांग की गई। उनका कहना था कि पार्षद मंसूरी पर कायमी भी मामूली धाराओं में की गई है।
राजनीतिक दबाव में है पुलिस।
बीजेपी पार्षद दल ने आरोप लगाया कि पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है। कांग्रेस सत्ता का दुरुपयोग कर पुलिस को पार्षद मंसूरी के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक रही है। उनका कहना था कि इसीतरह के मामले में तीन साल पहले बीजेपी पार्षद सरोज चौहान और उनके पति की गिरफ्तारी कर जेल भेजा गया था जबकि उनकी कोई गलती भी नहीं थी।
गिनती के पार्षद हुए एकत्रित।
नगर- निगम में बीजेपी के 67 पार्षद हैं पर एसएसपी कार्यालय में ज्ञापन देने गिनती के पार्षद पहुंचे। इनमें सचेतक भगवान सिंह चौहान, पार्षद बलराम वर्मा, सरोज चौहान, विनीता धर्म और रत्नेश बागड़ी प्रमुख थे। बीजेपी पार्षदों ने प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। पुलिस अधिकारियों ने आचार संहिता का हवाला देकर उन्हें नारे लगाने से रोका। इसपर उनकी पुलिस से हुज्जत भी हुई।
ये था मामला..।
बीती 18 मार्च को निगम अधिकारी विवेक गंगराड़े, सहायक सीएसआई उमेश प्रजापत और योगेंद्र दीक्षित वार्ड क्रमांक-2 चंदननगर क्षेत्र में गंदगी और अमानक पॉलीथिन के खिलाफ कार्रवाई के लिए पहुंचे थे। इस दौरान दुकानदारों से उनका विवाद हो गया। सूचना मिलने पर क्षेत्रीय पार्षद मुबारिक मंसूरी भी वहां पहुंच गए। उन्होंने कार्रवाई से नाराज होकर निगमकर्मी उमेश प्रजापत को चांटा जड़ दिया। पार्षद मंसूरी व उनके साथियों के खिलाफ प्रकरण तो दर्ज हो गया लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसी बात को बीजेपी जोर- शोर से उठा रही है।