मियावाकी पद्धति से रोपे गए पौधों ने ले लिया सिटी फॉरेस्ट का रूप

  
Last Updated:  July 26, 2024 " 08:51 pm"

इंदौर : विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 78 में विकसित सिटी फॉरेस्ट परियोजना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है। पिछले वर्ष 2023 में, आईडीए ने सिटी फॉरेस्ट 78 अरण्य में 7500 पौधों का मियावाकी पद्धति से रोपण किया था। आज, इन पौधों ने सफलता पूर्वक पल्लवित होकर पूरे क्षेत्र को हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य से भर दिया है।

मुख्य कार्यपालिक अधिकारी आर.पी.अहिरवार ने बतया कि
मियावाकी पद्धति के तहत पौधों की देखभाल हेतु पूरे 12 महीने का समय लगता है।सिचाई,निंदाई, गुडाई के साथ प्रति 3 माह में खाद और कीटनाशक का छिड़काव निरंतर जारी रहने वाली मेंटेनेंस की प्रक्रिया का महत्वपूर्ण भाग रहा ।सिटी फॉरेस्ट 78 अरण्य के 28,350 वर्ग फुट क्षेत्र में मियावाकी पद्धति से सघन वृक्षारोपण किया गया था।
जिसके अंतर्गत नीम, बड़,
पीपल,करंज,सीताफल,आँवला,कचनार जामुन जैसे विभिन्न प्रजातियों के पौधो को शामिल किया गया था। मियावाकी की विशेषता बताते हुए सीईओ अहिरवार ने बताया कि इसमें पौधे तेजी से बढ़ते हैं और शीघ्र ही एक घने जंगल का रूप धारण कर लेते हैं।

उन्होंने बताया कि -इस वर्ष टीपीएस 5 में 6 गार्डन, टीपीएस 8 के 2 गार्डन, टीपीएस 3 के 2 गार्डन तथा स्कीम नंबर 71 के ग्रीन बेल्ट में मियावाकी पद्धति द्वारा सघन पौधरोपण की योजना को सम्पन्न किया गया हैं।

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