इंदौर : सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति के मप्र सरकार के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। आईएमए की इंदौर इकाई, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, एलुमनी एसो. और अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय को गलत ठहराया है। इस सिलसिले में शुक्रवार को एक संयुक्त बैठक बुलाई गई। बैठक में आइएमए इंदौर के अध्यक्ष डॉ सुमित शुक्ला, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन एमजीएमएमसी की अध्यक्ष डॉ पूनम माथुर, सचिव डॉ अशोक ठाकुर, एमजीएमएमसी एलुमनी एसो. के अध्यक्ष डॉ शेखर राव, सचिव डॉ संजय लोंढे, जेडीए इंदौर के डॉ. पियुष सिंह बघेल, डॉ. लताशा सिंह अजाक्स मेडिकल कर्मचारी संघ के करण भगत और जिला नर्सिंग एसो. के अध्यक्ष धर्मेंद्र पाठक ने भाग लिया।
काली पट्टी बांधकर करेंगे प्रदर्शन।
बैठक में तय किया गया कि प्रदेश सरकार के निर्णय के खिलाफ सभी डॉक्टर्स व स्वास्थ्य कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी, काली पट्टी बांधकर नए वर्ष के पहले दिन शनिवार 1 जनवरी को सुबह 11 बजे काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करेंगे।
11 मेडिकल कॉलेजों में नहीं हैं पूर्णकालिक डीन।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. सुमित शुक्ला और अन्य पदाधिकारियों के अनुसार मोदीजी नवाचार में विशेषज्ञों की सेवाएं ले रहे हैं, वही प्रदेश सरकार आयएएस के भरोसे स्वास्थ्य सेवाएं चलाना चाहती है। सरकार ने आज तक 13 में से 11 कॉलेज में पूर्णकालिक डीन नियुक्त नही किए हैं। स्वास्थ्य विभाग नॉन फनक्शनल बन गया है। विभाग में 60% पद खाली पड़े हैं। मेडिकल कॉलेजों में, अस्पताल प्रबंधक, बॉयोमेडिकल इंजीनियर जैसे पद होने के बावजूद खाली उन्हें भरा नहीं जा रहा है।
मेडिकल छात्रों के पीजी में प्रवेश का मामला अटका हुआ है पर प्रदेश सरकार उसकी सुध नहीं ले रही है।
इन सब मुद्दों को लेकर शनिवार सुबह विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर एमवाय अस्पताल में प्रदर्शन किया जाएगा।