इंदौर : ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला अखण्ड सौभाग्य का पर्व, वट सावित्री सोमवार को शहर में रह रही मैथिल एवं पूर्वोत्तर समाज की सुहागिनों ने अपने पति के दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ मनाया। पारंपरिक श्रृंगार के साथ सुहागिन महिलाओं ने बांस की बनी डलिया में पूजन सामग्री लेकर वट सावित्री पूजन अनुष्ठान विधि विधान के साथ किया। जेठ की भीषण गर्मी में चिलचिलाती धूप के बीच नंगे पैर पूजा की डाली लिये सुहागिन महिलाएं मंदिर और बरगद के पेड़ों तक पहुंची और पूजन किया। वट की पूजा के लिए सुबह से ही शहर में रह रही पूर्वोत्तर एवं मैथिल समाज की महिलाओं के घरों में तैयारियां शुरू हो गई थीं। विशेष रूप से शहर में रह रही बिहार, उत्तर प्रदेश एवं झारखंड राज्यों की मैथिल, भोजपुरी एवं अन्य समाज की नव विवाहिताओं, सुहागिनों ने अपने पतियों की लंबी आयु के लिए व्रत रखा था। स्नान करने के पश्चात महिलाओं ने अपने अपने क्षेत्रों में स्थित वट वृक्ष का विधान के साथ पूजा किया और वट सावित्री माता को पके आम, लीची, मिठाई, भींगे चने एवं अन्य मौसमी फलों का भोग अर्पित किया। शहर के अन्य क्षेत्रों की महिलाओं के साथ साथ तुलसी नगर में भी मैथिल एवं अन्य समाज की सुहागीनों द्वारा वट वृक्ष के चारों ओर कच्चा सूत बांधते हुए वट की पूजा की गई। तत्पश्चात बांस के बने बीएन (पंखा) से वट वृक्ष को शीतलता प्रदान करने के लिए हवा देकर, वट वृक्ष का आलिंगन किया। उसके बाद व्रती सुहागिनों ने अपने पतियों का चरण धोकर उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए बाँस के पंखे से हौंका। वट सावित्री की पूजा हेतु शहर में मैथिल समाज की अग्रणी संस्था मैथिल सामाजिक मंच द्वारा ब्रती महिलाओं के लिए निःशुल्क बांस के बने पंखे की व्यवस्था बिहार से मंगवाकर की गयी थी।
मैथिल और पूर्वोत्तर समाज की महिलाओं ने किया वट सावित्री पूजन
Last Updated: May 30, 2022 " 09:01 pm"
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