पति की लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए की प्रार्थना।
इंदौर : मैथिल लोकगीतों की बानगी के बीच मैथिल एवं पूर्वोत्तर समाज की नव विवाहिताओं व सुहागिनों ने अपने पतियों की दीर्घ आयु एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ अखंड सौभाग्य का पर्व बरसाइत (वट सावित्री ) मनाया। पारंपरिक श्रृंगार के साथ सुहागिन महिलाओं ने बांस की बनी डलिया में पूजन सामग्री लेकर वट सावित्री पूजन अनुष्ठान विधि विधान के साथ किया।
पर्व पर वट की पूजा के लिए सुबह से ही शहर में रह रही पूर्वोत्तर एवं मैथिल समाज की महिलाओं के घरों में तैयारियां शुरू हो गई थीं। विशेष रूप से शहर में रह रही बिहार, उत्तर प्रदेश एवं झारखंड राज्यों की मैथिल, भोजपुरी एवं अन्य समाज की नव विवाहिताओं, सुहागिनों ने अपने पतियों की लंबी आयु के लिए व्रत रखा था, ज्येष्ठ मास के अमावस्या के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। महिलाओं ने अपने अपने क्षेत्रों में स्थित वट वृक्ष का विधि विधान के साथ पूजन किया तथा वटवृक्ष के चारो तरफ सात बार परिक्रमा करते हुए कच्चे सूत से बने लाल धागे को लपेटा। उसके पश्चात पके आम, लीची, मिठाई, भींगे चने एवं अन्य मौसमी फलों का भोग अर्पित किया। इस अवसर पर महिलाओं ने वट सावित्री कथा का भी वाचन किया।
पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश के महासचिव के के झा ने कहा कि शहर के अन्य क्षेत्रों की महिलाओं के साथ साथ तुलसी नगर में भी मैथिल एवं पूर्वोत्तर समाज की सुहागन महिलाओं ने वट वृक्ष के चारों ओर कच्चा सूत बांधते हुए वट वृक्ष की पूजा की।