युवती संग लापता होने पर थाना परिसर में की थी पिटाई,
दुष्कर्म और तस्करी में फंसाने की धमकी दे रहा था एसआई।
इंदौर। इंदौर के चर्चित आकाश बड़िया आत्महत्या केस में अजाक थाना पुलिस ने टीआई दिलीप पुरी (हीरानगर) और एसआई विकास शर्मा (तेजाजी नगर) के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। बताया जाता है कि आकाश, एक युवती से प्रेम करता था। एसआई विकास शर्मा ने उसे चंदन नगर थाने में बुलाकर पीटा और दुष्कर्म व मादक पदार्थों की तस्करी में फंसाने की धमकी दी।
घटना पिछले साल 16 फरवरी की है। विजयश्री नगर एरोड्रम निवासी आकाश पुत्र माणकचंद बड़िया ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। बीकाम का छात्र आकाश कॉलोनी में रहने वाली युवती से प्रेम करता था। आरोप है कि एसआई विकास ने स्वयं को युवती का चाचा बताया और आकाश को चंदन नगर थाने में बुलाकर बेरहमी से पीटा, जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और कहा कि तूझे दुष्कर्म और तस्करी में फंसा कर जेल में सड़ा दूंगा।अपमान और डर के कारण आकाश ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आकाश के भाई विकास बड़िया (पटवारी) ने आयुक्त को शिकायत भी की थी लेकिन पुलिस ने दोषियों पर कार्रवाई नहीं की।मामले में कोर्ट में परिवाद दायर किया गया था।
अवैध तरीके से लोकेशन निकालकर ढूंढ रहा था एसआई।
भाई विकास ने शिकायत में कहा कि आकाश और युवती में तीन साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। 9 फरवरी को दोनों शादी करने के उद्देश्य से घर से चले गए थे। एसआई विकास ने स्वयं को युवती का चाचा बताया और घर आकर धमकाया। उस वक्त विकास की तेजाजी नगर थाना में पोस्टिंग थी। विकास ने उसके फोन की लोकेशन भी निकाली और वाट्सएप कॉल कर धमकियां दी। आकाश की मां होमगार्ड सैनिक है। 10 फरवरी को उसने आकाश को बुला लिया। विकास ने दबाव बनाया और कहा कि दोनों को चंदन नगर थाना लेकर आओ। उसने आकाश को बेरहमी से पीटा।आकाश के चेहरे पर मुक्के मारे। टीआइ दिलीप पुरी ने भी आकाश की मां की मदद नहीं की।
थाने में जब्त फोन से भी छेड़छाड़ करवाई।
आकाश ने व्यथित होकर 16 फरवरी को आत्महत्या कर ली। उसके फोन में सुसाइड नोट मिला, जिसमें विकास शर्मा और दिलीप पुरी के नाम लिखे थे। आकाश ने लिखा कि उसके चेहरे पर राड डली हुई है। विकास के मारने से उसे दर्द हो रहा है। मां को अशोभनीय शब्दों से दुत्कारा गया है। एरोड्रम पुलिस ने आकाश का फोन जब्त किया लेकिन थाने में विधिवत जब्ती नहीं दर्शाई। फोन से छेड़छाड़ की गई। एसीपी (मल्हारगंज) राजीवसिंह भदौरिया ने मामले की जांच की, लेकिन क्लीन चिट मिल गई। बाद में कोर्ट में दायर निजी परिवाद में सुनवाई के बाद कोर्ट के आदेश पर टीआई और एसआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।