रणजीत हनुमान की प्रभात फेरी में उमड़े लाखों श्रद्धालु

  
Last Updated:  January 4, 2024 " 06:55 pm"

शहर का दक्षिण – पश्चिम क्षेत्र भक्तिमय उल्लास में हुआ सराबोर।

कड़ाके की ठंड में भी भक्तों का उत्साह रहा चरम पर।

अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति रही आकर्षण का केंद्र।

इंदौर : रणजीत अष्टमी पर शहर का दक्षिण – पश्चिम क्षेत्र गुरुवार सुबह रणजीत हनुमान के भक्तिमय उल्लास में डूबा नजर आया। कड़ाके की ठंड के बावजूद रणजीत हनुमान की प्रभात फेरी में लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े। जय रणजीत के गगनभेदी नारों के बीच भगवान रणजीत हनुमान स्वर्ण रथ में सवार होकर श्रद्धालुओं को दर्शन देने निकले। प्रभात फेरी का यात्रा मार्ग पर सैकड़ों मंचों से पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।इस दौरान जोरदार आतिशबाजी भी की गई।

भक्तिमय माहौल के बीच निकली प्रभात फेरी।

सर्द हवा और कोहरे के बीच सुबह करीब 5 बजे स्वर्ण रथ पर सवार होकर रणजीत हनुमान भक्तों को दर्शन देने निकले। रणजीत हनुमान भक्त मंडल के हजारों भक्तगण रथ को हाथों से खींचते हुए चल रहे थे। महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक मालिनी गौड़ और गोलू शुक्ला, अन्य जनप्रतिनिधि, मंदिर के पुजारी पंडित दीपेश व्यास, खजराना गणेश मंदिर के पंडित अशोक भट्ट, आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा वैदिक सहित कई संत – महात्मा रथ के आगे रणजीत हनुमान की भक्ति का अलख जगाते हुए चल रहे थे। मार्ग के दोनों ओर शहर के साथ बाहर से आए लाखों श्रद्धालुओं में भगवान रणजीत हनुमान की एक झलक पाने की होड़ सी मची थी। ज्यादातर श्रद्धालु माथे पर तिलक और भगवा वस्त्र पहने हुए थे। प्रभात फेरी में ध्वज वाहिनी भगवा ध्वज लहराते हुए चल रही थी। मार्ग पर भी हर घर में भगवा पताकाएं सजाई गई थी। भजन मंडलियां झांझ मंजीरों के साथ भजन गाते हुए हनुमान भक्ति का अलख जगा रही थी। मार्ग में लगे सैकड़ों मंचों से पुष्पवर्षा कर प्रभात फेरी का स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं को जगह – जगह स्टॉल लगाकर चाय, पानी और तरह – तरह के व्यंजन पेश किए जा रहे थे। जय रणजीत की अनुगुंज रह – रहकर सुनाई दे रही थी। समूचे यात्रा मार्ग पर जोरदार आतिशबाजी भी की गई।

राम मंदिर की प्रतिकृति रही आकर्षण का केंद्र।

प्रभातफेरी में बंगाल के कलाकारों द्वारा निर्मित अयोध्या के श्रीराम मंदिर की 21 फीट ऊंची प्रतिकृति आकर्षण का केंद्र रही।

प्रभात फेरी रणजीत हनुमान मंदिर से उषा नगर, महू नाका,अन्नपूर्णा मंदिर मार्ग, नरेंद्र तिवारी मार्ग होते हुए करीब पांच घंटे में पुनः रणजीत हनुमान मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई।

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